जिले में गलत पता डालकर लिए गए 7473 जीएसटी नंबर

कुंदन तिवारी नोएडा औद्योगिक नगरी में बेहद चौंकाने वाला मामला प्रकाश में आया है। इसमें 7473 कारोबारियों ने फर्जी पता देकर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में पंजीकृत कराया है। इसकी पुष्टि राज्य जीएसटी (वाणिज्य कर विभाग) के सत्यापन अभियान में हो चुकी है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 07:02 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 07:02 PM (IST)
जिले में गलत पता डालकर लिए गए 7473 जीएसटी नंबर
जिले में गलत पता डालकर लिए गए 7473 जीएसटी नंबर

कुंदन तिवारी, नोएडा : औद्योगिक नगरी में बेहद चौंकाने वाला मामला प्रकाश में आया है। इसमें 7473 कारोबारियों ने फर्जी पता देकर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में पंजीकृत कराया है। इसकी पुष्टि राज्य जीएसटी (वाणिज्य कर विभाग) के सत्यापन अभियान में हो चुकी है। इन्हें प्रतिकूल मानकर विभागीय नोटिस जारी कर सही पता पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है। ऐसा नहीं कराने पर जीएसटी नंबरों को रद कर दिया जाएगा। जिले में 44 हजार 843 में से अब तक 27 हजार 165 पंजीकृत जीएसटी नंबरों का सत्यापन हुआ है। गलत पते पर जीएसटी लेने वाले कारोबारियों की संख्या और अधिक हो सकती है।

बता दें कि राज्य जीएसटी की ओर से नवंबर 2018 से अब तक के पंजीकृत जीएसटीधारकों का सत्यापन किया जा रहा है। जीएसटी नंबर लेने वाले कारोबारी पोर्टल पर जो पता व मोबाइल नंबर दिया है, उसके आधार पर नंबर अलाट कर दिया गया है। मौके पर जब वाणिज्यकर अधिकारी (सीटीओ) जीएसटी पोर्टल पर दर्ज पते पर सत्यापन करने पहुंच रहे हैं, तो उनका पता गलत मिल रहा है। कंपनी, फैक्ट्री, व्यापारिक प्रतिष्ठान ही मौके पर मौजूद नहीं है। आश्चर्य यह कि जीएसटी पोर्टल पर अंकित मोबाइल नंबर पर जांच अधिकारी के संपर्क करने पर वह नहीं मिल रहा है। ऐसे में पुष्टि हो रही है कि कारोबारी कामकाज कहीं और कर रहे हैं। जीएसटी नंबर किसी अन्य पते पर पंजीकृत करा रखा है, यह नियमानुसार अनुचित है। बॉक्स..

जिले में जीएसटीधारकों की स्थिति :

गौतमबुद्धनगर जीएसटीधारक

राज्य जीएसटी 44843

केंद्रीय जीएसटी 43091

एसजीएसटी सत्यापन 27165

गलत पते पर पंजीकृत 7473

सत्यापन बाकी 17678

----------- वर्जन..

अब तक मैं खुद 12 हजार 860 पंजीकृत जीएसटीधारकों का सत्यापन करवा चुका हूं। इसमें 702 जीएसटीधारक के पते गलत मिले है। नोटिस दिया गया है। संतोषजनक जवाब मिला तो ठीक, नहीं तो नंबर रद कर दिया जाएगा।

-चंद्र भूषण सिंह, एडिशनल कमिश्नर (वाणिज्य कर विभाग)

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