दिल्ली वाराणसी हाई स्पीड ट्रेन के लिए 60 हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण्
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई जल्द शुरू होगी। जिला प्रशासन व नेशनल हाईस्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड(एनएचएसआरसीएल)के अधिकारियों के बीच शुक्रवार को कलक्ट्रेट में हुई बैठक में जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई को लेकर चर्चा की गई। अपर जिलाधिकारी प्रशासन दिवाकर सिंह की अध्यक्षता में यह बैठक हुई। परियोजना के लिए जिले में 160.81 हेक्टेयर भूमि की जरूरत पड़ेगी, जिसमें से 60.19 हेक्टेयर भूमि किसानों से ली जाएगी।
दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड ट्रेन दिल्ली, नोएडा,नोएडा एयरपोर्ट, मथुरा, आगरा, कन्नौज, लखनऊ, रायबरेली होते हुए वाराणसी पहुंचेगी। अपर जिलाधिकारी ने नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों के साथ परियोजना पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह सरकार की बहुत ही महत्वाकांक्षी परियोजना है। परियोजना के कार्य में किसी प्रकार की देरी न हो, इसके लिए जिन किसानों की जमीन परियोजना के तहत आ रही है उनसे आपसी समझौते के आधार पर जमीन खरीदने की कार्रवाई की जाएगी। जमीन की खरीद भूमि अधिग्रहण एक्ट-2013 के प्रविधान के आधार पर की जाएगी। इसे लेकर जल्द किसानों के साथ बैठक की जाएगी। बैठक में एनएचएसआरसीएल के अधिकारियों ने परियोजना से संबंधित जानकारी वीडियो व प्रस्तुतिकरण दिया। इस दौरान कुछ किसानों भी बैठक में शामिल रहे। बॉक्स
गौतमबुद्ध जिले में होंगे दो स्टेशन
हाईस्पीड ट्रेन के गौतमबुद्ध नगर में दो स्टेशन होंगे। पहला स्टेशन नोएडा क्षेत्र के सेक्टर 148 में बनाया जा सकता है। दूसरा स्टेशन यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। हाईस्पीड ट्रेन के जरिये नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली से सीधे कनेक्टिविटी मिल जाएगी। बीस से 25 मिनट में दिल्ली से एयरपोर्ट पहुंचा जा सकेगा। दिल्ली से वाराणसी का करीब साढ़े आठ सौ किमी लंबा सफर लगभग साढ़े चार घंटे में तय होगा। यमुना एक्सप्रेस वे व आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के समानांतर हाईस्पीड ट्रेन कॉरिडोर बनाने की योजना है। दिल्ली वाराणसी हाईस्पीड ट्रेन कारिडोर के लिए दिसंबर में सर्वे कराया गया था। यह सर्वे एरियल लीडार तकनीक से कराया गया था।