224 फ्लैट व कम्युनिटी क्षेत्र गिराकर टावरों को किया जा सकता है नियमित

-सुपरटेक प्रबंधन की ओर से सुप्रीम कोर्ट लगाई गई प्रार्थना में स्थिति की गई स्पष्ट कुंदन तिवा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 10:03 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 10:03 PM (IST)
224 फ्लैट व कम्युनिटी क्षेत्र गिराकर टावरों को किया जा सकता है नियमित
224 फ्लैट व कम्युनिटी क्षेत्र गिराकर टावरों को किया जा सकता है नियमित

-सुपरटेक प्रबंधन की ओर से सुप्रीम कोर्ट लगाई गई प्रार्थना में स्थिति की गई स्पष्ट

कुंदन तिवारी, नोएडा :

सेक्टर-93 ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावर एपेक्स-सियान को लेकर सुपरटेक समूह ने सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना लगाई है, जिसमें कहा है कि यदि टी-17 जिसका निर्माण 32 फ्लोर का किया जा चुका है। उसके 224 फ्लैट और कम्युनिटी क्षेत्र को गिरा दिया जाए, तो टी-1 और टी-17 के बीच 16 मीटर की न्यूनतम और अधिकतम 40 मीटर की दूरी प्राप्त हो सकती है। साथ ही टी-1 टावरवासियों के लिए बड़ा ग्रीन एरिया भी विकसित किया जा सकेगा। इस कंडीशन में टी-16 टावर को गिराने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सूत्रों का कहना है कि अभी सुपरटेक की प्रार्थना को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकृत नहीं किया है, लेकिन उस पर मंत्रणा अवश्य हो चुकी है। चूंकि लीगल विचार विमर्श के बाद सेक्टर-93 ए स्थित एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावर एपेक्स-सियान को ध्वस्त किए बिना समस्या का समाधान निकालने के विषय को लेकर सुपरटेक समूह सुप्रीम कोर्ट गया है। प्रबंधन की ओर से दावा भी किया गया है कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका नहीं है, बल्कि सुपरटेक की ओर से एक प्रार्थना डाली गई है, स्पष्ट किया गया है कि जिन बिदुओं के आधार पर अदालत ने दोनों टावरों को ध्वस्त करने का निर्देश दिया है उन टावरों के स्ट्रक्चर में आंशिक बदलाव कर उसे नियमित किया जा सकता है। साथ ही एमराल्ड के टावर-1 से भी नियमानुसार दूरी व ब्रॉशर के हिसाब से ग्रीन एरिया विकसित किया जा सकता है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के दोनों टावर एपेक्स-सियान को गिराने का आदेश 31 अगस्त को दिया था। इसको लेकर नोएडा प्राधिकरण व सीबीआरआइ ने अपना विश्लेषण शुरू कर चुकी है।

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वर्ष 2014 में भी ढहाने का हुआ था आदेश

सुपरटेक के दोनों टावरों में 950 से ज्यादा फ्लैट बनाए जाने थे। 32 फ्लोर का कंस्ट्रक्शन पूरा हो चुका था जब एमराल्ड कोर्ट हाउसिग सोसायटी के बाशिदों की याचिका पर टावर ढहाने का आदेश 2014 में आया। 633 लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे, जिनमें से 248 रिफंड ले चुके हैं, 133 दूसरे प्रोजेक्ट्स में शिफ्ट हो गए, लेकिन 252 ने अब भी निवेश कर रखा है।

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