भूजल रिचार्ज की तुलना में 106.90 फीसद हो रहा दोहन

कुंदन तिवारी नोएडा प्रदेश में सालाना औसतन करीब 700 से 900 एमएम बारिश होती है। नोएडा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 08:00 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 08:00 PM (IST)
भूजल रिचार्ज की तुलना में 106.90 फीसद हो रहा दोहन
भूजल रिचार्ज की तुलना में 106.90 फीसद हो रहा दोहन

कुंदन तिवारी, नोएडा :

प्रदेश में सालाना औसतन करीब 700 से 900 एमएम बारिश होती है। नोएडा में इस बार 1450 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। यह सामान्य नहीं है। इसका अधिकांश हिस्सा दूषित हो गया और काफी नाली व नाले में बह गया। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी की मन की बात में जल संरक्षण करने और जलशक्ति मंत्रालय की ओर से रिजर्व वेल बनाने पर जोर देने से प्राधिकरण हरकत में आ गया है।

बता दें कि भूजल विभाग की ओर से अगस्त 2019 में समिति आंकलन के अनुसार नोएडा का भूजल स्तर औसतन 1.79 मीटर प्रतिवर्ष की दर से घट रहा है। यहां के कई सेक्टरों में भूजल समाप्त हो गया है। इसकी एक वजह बारिश का जल का जमीन में संचयन न होकर वेस्ट हो जाना है। जल संरक्षण पर काम कर रहे विक्रांत तोंगड़ ने बताया कि प्रत्येक 300 मीटर पर एक भूजल रिचार्ज रिजर्व वेल होना चाहिए, लेकिन शहर में नहीं है। इसका खामियाजा यह होगा कि आने वाले समय में नोएडा में भूजल नहीं होगा। 2021 तक शहर की आबादी 21 लाख हो जाएगी। इसके लिए जल आपूर्ति क्षमता को बढ़ाकर 590 मिलियन लीटर डेली (एमएलडी) किया जाएगा। वर्तमान में 240 एमएलडी पानी की सप्लाई की जा रही है। यह सप्लाई 16 लाख की आबादी के अनुसार है, लेकिन मांग 332 एमएलडी पानी की है। जल की मांग को पूरा करने के लिए नोएडा प्राधिकरण 44 फीसद जल भूजल का प्रयोग करता है। वर्तमान में भूजल स्तर लगातार गिर रहा है। भूजल रिचार्ज की तुलना में 106.90 फीसद जल का जमीन से दोहन हो रहा है। इसमें सबसे अधिक तेजी से उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में सालाना 29233.06 हेक्टेयर मीटर भूजल रिचार्ज होता है। उससे ज्यादा 31251.26 हेक्टेयर मीटर भूजल का दोहन हो रहा है। यदि यही स्थिति रही तो आने वाले समय में नोएडा व आसपास के क्षेत्र में भूजल समाप्त हो जाएगा। ग्रेटर नोएडा में पाई सिग्मा-3 में प्रतिवर्ष 3.9 मीटर की दर से भूजल स्तर गिर रहा है। दादरी सेमी क्रिटिकल श्रेणी में दर्ज है। ब्लाक भूजल स्तर की स्थिति

ब्लाक ड्राइंग दर श्रेणी

बिसरख 149.8 फीसद अतिदोहन

दनकौर 99.84 फीसद क्रिटिकल

जेवर में 108.81 फीसद ओवरएक्लोएटेड

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प्राधिकरण वर्तमान में 135 एमएलडी बचा रहा भूजल

नोएडा प्राधिकरण जल सीवर विभाग उपमहाप्रबंधक आरपी सिंह ने बताया कि गिरते भूजल स्तर में स्थिरता लाने के लिए प्राधिकरण लगातार कार्य कर रहा है। वर्तमान में प्रतिदिन 135 एमएलडी भूजल दोहन रोका जा रहा है। इसकी जगह 135 एमएलडी शोधित पानी का प्रयोग किया जा रहा है। यह शोधन सेक्टर-50, सेक्टर-54, सेक्टर-123, सेक्टर-168 में बने एसटीपी से किया जा रहा है। एसटीपी तक सीवरेज पहुंचाने के लिए 36 सीवरेज पंपिग स्टेशन सीवरेज को अपलिफ्ट के लिए बनाए गए हैं। इन एसटीपी से कुल 190 एमएलडी सीवरेज को शोधित किया जा रहा है। इसमें 135 एमएलडी पानी का प्रयोग किया जा रहा है। इसके अलावा सेक्टर-123 में 80 और सेक्टर-168 में 100 एमएलडी क्षमता के दो एसटीपी और तैयार किए जा रहे हैं। इसके बाद सेक्टर-123 एसटीपी की क्षमता 115 एमएलडी व सेक्टर-168 की क्षमता 150 एमएलडी हो जाएगी। यानी चारों एसटीपी प्लांट से कुल 411 एमएलडी पानी शोधित किया जा सकेगा।

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