सांसों का सहारा बना युवा, आपदा को सेवा में बदला

जेएनएन मुजफ्फरनगर दिलशाद सैफी। बागपत की घटना दिल-दिमाग झकझोर देने वाली है यहां कुछ लोग कफन को भी अवसर समझ रहे हैं। वहीं जिले का यह युवा उखड़ती सांसों का सहारा बना है बल्कि आपदा को सेवा में बदलकर इंसानियत नायाब नजीर पेश कर रहा है। फैक्ट्री के आक्सीजन सिलेंडरों को दूसरों का जीवन बचाने के लिए बांट रहा है। इस पुनीत कार्य में खर्च भी अपनी जेब से वहन कर रहा है। लोगों के लिए आक्सीजन मैन बनकर सेवा की पटरी पर सवार है। रमजान माह में भूख-प्यास की शिद्दत को बर्दाश्त किया मगर किसी को तड़फते देखना गंवारा नहीं समझा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 10:54 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 10:54 PM (IST)
सांसों का सहारा बना युवा, आपदा को सेवा में बदला
सांसों का सहारा बना युवा, आपदा को सेवा में बदला

जेएनएन, मुजफ्फरनगर, दिलशाद सैफी।

बागपत की घटना दिल-दिमाग झकझोर देने वाली है, यहां कुछ लोग कफन को भी अवसर समझ रहे हैं। वहीं, जिले का यह युवा उखड़ती सांसों का सहारा बना है, बल्कि आपदा को सेवा में बदलकर इंसानियत नायाब नजीर पेश कर रहा है। फैक्ट्री के आक्सीजन सिलेंडरों को दूसरों का जीवन बचाने के लिए बांट रहा है। इस पुनीत कार्य में खर्च भी अपनी जेब से वहन कर रहा है। लोगों के लिए आक्सीजन मैन बनकर सेवा की पटरी पर सवार है। रमजान माह में भूख-प्यास की शिद्दत को बर्दाश्त किया, मगर किसी को तड़फते देखना गंवारा नहीं समझा है। इरशाद बोला, यह सेवा करने का समय है.

गांव शेरपुर निवासी इरशाद राव पुत्र इमामुद्दीन अभी वकालत की पढ़ाई कर रहे हैं। रुड़की रोड पर उनकी स्टार इंजीनियरिग व‌र्क्स के नाम से फैक्ट्री है। वह बताते हैं कि कोरोना काल में आक्सीजन सिलेंडर को लेकर मारामारी मची तो उन्होंने फैक्ट्री का काम-काज रोक दिया। फैक्ट्री में पेपर मिलों की मशीनों के पा‌र्ट्स बनते हैं। फैक्ट्री में रखे करीब 10 आक्सीजन सिलेंडर एक-एक कर संक्रमण ग्रस्त और बीमार लोगों को मुहैया कराए गए। लोगों की आक्सीजन के लिए हालात देखकर उसका धैर्य जवाब दे गया। वह खुद लोगों की आक्सीजन सिलेंडर दिलाने में मदद कर रहा है। मेरठ-बरेली तक पहुंची सेवा की गूंज

इरशाद बताते हैं कि मुजफ्फरनगर के मोहल्ला रामपुरी, अल्लामा इकबाल मेडिकल कालेज के साथ गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, बरेली, हापुड़, सहारनपुर और शामली में आक्सीजन सिलेंडर पहुंचाए हैं। सिलेंडर उन रोगियों को दिए हैं, जो होम आइसोलेशन में है। रविवार को अपने खर्चे पर पांच से अधिक सिलेंडरों को मेरठ के परतापुर में आक्सीजन प्लांट पर रिफिल होने के लिए भेजा है। आसपास के युवाओं को भी इस मुहिम में जोड़ने की कोशिश की जा रही है।

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