विजयादशमी आज, अभिजीत मुहूर्त में 11.37 से 12.24 बजे पूजन श्रेष्ठ

विजयादशमी पर्व आज यानी शुक्रवार को है। विजय का पूजन अभिजीत मुहूर्त में 11.37 बजे से दोपहर 12.24 बजे तक श्रेष्ठ माना गया है। गुरुवार को श्रीरामनवमी पर्व पर श्रद्धालुओं ने हवन पूजन कर कन्याओं का पूजन कर भोजन कराया। इसके बाद अपने व्रत का पारायण किया। मां सिद्धिदात्री के पूजन के उपरांत ही नवरात्र का समापन हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 11:53 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 11:53 PM (IST)
विजयादशमी आज, अभिजीत मुहूर्त में 11.37 से 12.24 बजे पूजन श्रेष्ठ
विजयादशमी आज, अभिजीत मुहूर्त में 11.37 से 12.24 बजे पूजन श्रेष्ठ

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। विजयादशमी पर्व आज यानी शुक्रवार को है। विजय का पूजन अभिजीत मुहूर्त में 11.37 बजे से दोपहर 12.24 बजे तक श्रेष्ठ माना गया है। गुरुवार को श्रीरामनवमी पर्व पर श्रद्धालुओं ने हवन पूजन कर कन्याओं का पूजन कर भोजन कराया। इसके बाद अपने व्रत का पारायण किया। मां सिद्धिदात्री के पूजन के उपरांत ही नवरात्र का समापन हो गया। श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की प्रतिमाओं का जलस्त्रोत्र में विसर्जन किया।

रामनवमी का त्योहार गुरुवार को धूमधाम से मनाया गया। मां भगवती की नौवीं शक्ति माता सिद्धिदात्री की आराधना की गई। विद्वानों का कहना है कि माता के इस स्वरूप की आराधना करने से रोग व भय से मुक्ति मिलती है तथा सिद्धि प्राप्त होती है। रामनवमी पर श्रद्धालुओं ने हवन-पूजन किया। माता को भोग लगाकर कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया और दान दक्षिणा दी। कन्याओं के पैर छूकर उन्हें विदा किया। रामनवमी पूजन के साथ ही नवरात्र महोत्सव संपन्न हो गया। दोपहर बाद श्रद्धालुओं ने मां भगवती की प्रतिमाओं को नदी, नाले, तालाब व पोखर आदि में विसर्जित किया।

शुक्रवार को विजयादशमी (दशहरा) पर्व है। विष्णुलोक के संचालक विनय पंडित ने बताया कि विजयादशमी का पूजन अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11.37 से दोपहर 12.24 बजे तक श्रेष्ठ रहेगा। क्योंकि भगवान श्रीराम का जन्म, राजतिलक, राम विवाह, रावण पर विजय प्राप्ति भी अभिजीत मुहूर्त में हुई थी। विजयादशमी के दिन अपराजिता देवी, जया देवी, विजयादेवी का पूजन करना श्रेष्ठ माना गया है। विजयादशमी पूजन में अस्त्र-शस्त्र, लेखनी, पुस्तक, तुला, लक्ष्मी, सरस्वती व दीपक आदि का पूजन होता है।

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