महाविद्यालय की परीक्षा से पहले टीकाकरण बनेगा सुरक्षा कवच
कोरोना संक्रमण का ग्राफ लोगों की जागरूकता और सरकार की गाइडलाइन से धीरे-धीरे कम हो रहा है। सरकार ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के साथ महाविद्यालयों की परीक्षाएं रद कर दी लेकिन विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने के लिए योजना तैयार कर घोषणा कर दी गई है। जुलाई के पहले सप्ताह से होने वाली परीक्षाओं के लिए महाविद्यालयों ने कोरोना गाइडलाइन के हिसाब से कक्षाओं में व्यवस्था करना शुरू कर दिया। इस बीच महाविद्यालयों से शिक्षकों की आवाज जुलाई तक परीक्षार्थियों का टीकाकरण करने के लिए उठने लगी है ताकि परीक्षार्थियों को टीकाकरण से सुरक्षा कवच में रखकर परीक्षा को पूर्ण रूप से सफल बनाया जाए।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। कोरोना संक्रमण का ग्राफ लोगों की जागरूकता और सरकार की गाइडलाइन से धीरे-धीरे कम हो रहा है। सरकार ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के साथ महाविद्यालयों की परीक्षाएं रद कर दी, लेकिन विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने के लिए योजना तैयार कर घोषणा कर दी गई है। जुलाई के पहले सप्ताह से होने वाली परीक्षाओं के लिए महाविद्यालयों ने कोरोना गाइडलाइन के हिसाब से कक्षाओं में व्यवस्था करना शुरू कर दिया। इस बीच महाविद्यालयों से शिक्षकों की आवाज जुलाई तक परीक्षार्थियों का टीकाकरण करने के लिए उठने लगी है, ताकि परीक्षार्थियों को टीकाकरण से सुरक्षा कवच में रखकर परीक्षा को पूर्ण रूप से सफल बनाया जाए।
एसडी डिग्री कालेज के प्राचार्य डा. एससी वाष्र्णेय का कहना है कि विश्वविद्यालय के संचालित कोर्स के अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं दो जुलाई से शुरू होगी। परीक्षा के लिए कालेज में कोविड नियमों का पालन करने के लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली गई हैं। परीक्षार्थियों की सीटिग शारीरिक दूरी के साथ लगाई जाने की योजना कालेज में बनाई गई है। वहीं परीक्षार्थी सैनिटाइजर और मास्क के साथ ही परीक्षा कक्ष में प्रवेश लेंगे। उनका कहना है कि अभी 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का कम ही संख्या में वैक्सीनेशन हुआ है। यदि जुलाई से पहले प्रशासन परीक्षा में बैठने वाले छात्रों का कोरोना का टीकाकरण करा दें तो अच्छा रहेगा। हालांकि 15 को विश्वविद्यालय भी अपनी गाइडलाइन जारी करेगा। टीकाकरण ही कोविड से बचने के लिए सुरक्षा कवच है। उधर, श्रीराम ग्रुप आफ कालेज के प्रवक्ता रवि गौतम का कहना है कि उनके कालेज के छात्रों को भी परीक्षा में बैठना है। कालेज इसके लिए अपने स्तर से ही छात्रों को वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। यदि प्रशासन अपने स्तर से परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थियों की सूची लेकर उनका टीकाकरण करा दे तो परीक्षार्थी को कोरोना से सुरक्षित रखना सुनिश्चित कर लिया जाएगा। विश्वविद्यालय भी वैक्सीनेशन अनिवार्य कर सकता है, जिसके बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को पहले छात्रों का टीकाकरण करना भी जरूरी हो जाएगा।