कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी: डा. बीके मिश्रा
वरिष्ठ फिजीशियन डा. बीके मिश्रा का कहना है कि कोरोना वायरस रोगी या वाहक की खांसी व नाक से निकली सांस से फैलता है। यह लगभग छह से आठ फीट की दूरी तक प्रभावी रहता है एवं विभिन्न सतहों पर तीन-चार घंटो से कई दिनों तक जीवित रह कर संपर्क में आने वाले को संक्रमित कर सकता है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर।
वरिष्ठ फिजीशियन डा. बीके मिश्रा का कहना है कि कोरोना वायरस रोगी या वाहक की खांसी व नाक से निकली सांस से फैलता है। यह लगभग छह से आठ फीट की दूरी तक प्रभावी रहता है एवं विभिन्न सतहों पर तीन-चार घंटो से कई दिनों तक जीवित रह कर संपर्क में आने वाले को संक्रमित कर सकता है। यह नाक के ऊपरी हिस्से में वास करता है व तीन-चार दिनों में गले से फेफड़ों में पहुंचता है। यह 60 डिग्री से ऊपर ताप से व सैनिटाइजर से मर जाता है। किस तरह करें कोरोना से अपना बचाव
डा. बीके मिश्रा के अनुसार कोरोना से बचाव के लिए खास तरीकों को अपनाना होगा। इनमें टीकाकरण, चेहरे पर मास्क लगाना जरूरी है। कहते हैं कि नाक व मुख को अच्छी प्रकार ढकने वाला डबल मास्क लगा कर ही किसी से मिलें व बाहर जाएं। यथासंभव घर पर ही रहे। हाथ न मिलाएं, हाथों को बार-बार धोते रहें तथा हाथों से नाक मुंह व चेहरा न छुए। अपने कार्यस्थल व दरवाजों के हैंडिल को नियमित रूप से सैनिटाइज करते रहें। गर्म पानी के भपारे लें, काढे का भी सेवन करें
डा. बीके मिश्रा ने सलाह दी कि कोरोना से बचाव के लिए तेज गर्म पानी के भपारे नाक से मुंह से सुबह शाम लें। गर्म पानी से गरारे करें। तुलसी, काली मिर्च, अदरक व दालचीनी के काढे का नियमित प्रयोग करें। हल्दी मिला दूध नित्य पियें। गुनगुना पानी पिये तथा पेय पदार्थ का सेवन करें। नियमित प्रणायाम करते रहें।
कोरोना के खास लक्षण, पहचानते ही लें उपचार
डा. बीके मिश्रा के अनुसार नजला होने तथा सर्दी बुखार व सांस फूलने या पतले दस्त या उल्टियां आए तो गंभीरता से लें। इसके साथ ही स्वाद व गंध न लगना तथा अत्यधिक थकान भी कोरोना के लक्षण हो सकते हैं। लक्षण नजर आते ही टेस्ट कराएं तथा चिकित्सक से सलाह लें। पाजिटिव आएं तो घर पर ही अलग कमरे में आइसोलेट होकर उपचार शुरू कराएं। रोगी के प्रति सभी स्वजन ये सावधानियां बरतें
डा. बीके मिश्रा के अनुसार रोगी के कपड़ों को नित्य उबालें व थूक व बलगम के लिए फिनायल मिले पानी के बर्तन का प्रयोग करें। रोगी व तीमारदार निरंतर मास्क का प्रयोग करें। रोगी का कक्ष सुबह-शाम सैनिटाइज करें। रोगी पूर्ण विश्राम करे। ताजा सुपाच्य भोजन करें। ठंडे पदार्थ रोगी को न दें।