बाइक सवार दो युवकों की मौत, एक साथी गंभीर

जेएनएन मुजफ्फरनगर। शनिवार की देर रात जड़ौदा चौराहे के समीप शुगर मिल में गन्ना तौलकर आ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 11:35 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 11:35 PM (IST)
बाइक सवार दो युवकों की मौत, एक साथी गंभीर
बाइक सवार दो युवकों की मौत, एक साथी गंभीर

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। शनिवार की देर रात जड़ौदा चौराहे के समीप शुगर मिल में गन्ना तौलकर आ रही भैंसा बुग्गी से टकराकर बाइक सवार दो युवकों की मौत हो गई, जबकि तीसरे की हालत गंभीर बनी हुई है।

मुजफ्फरनगर के मोहल्ला खालापार में पुलिस चौकी के समीप रहने वाले मुन्ना पुत्र बाबू, मुदस्सिर पुत्र नौशाद व नदीम पुत्र नसीम बाइक पर सवार होकर मुजफ्फरनगर से मंसूरपुर की ओर आ रहे थे। शनिवार रात्रि लगभग 9:30 बजे जब तीनों बाइक सवार मंसूरपुर थाना क्षेत्र में जड़ौदा चौराहे के समीप पहुंचे तो शुगर मिल से गन्ना डालकर लौट रहे किसान की भैसा बोगी से बाइक टकरा गई। इस हादसे में तीनों बाइक सवार गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने हाईवे एंबुलेंस की सहायता से तीनों घायलों को तत्काल जिला चिकित्सालय पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने मुन्ना को मृत घोषित कर दिया। मुदस्सिर व नदीम को प्राइवेट चिकित्सालय में रेफर कर दिया गया। देर रात्रि में मुदस्सिर की भी मौत हो गई। पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। घायल नदीम की हालत चिताजनक बनी हुई है। हादसे की जानकारी मिलने पर मृतकों के स्वजनों में कोहराम मचा है।

लाकडाउन में सुधर रहा प्रदूषण, सुहानी हो गई आबोहवा

जेएनएन, मुजफ्फरनगर : लाकडाउन से जहां कामकाज बंद होने से लोगों की आर्थिक स्थिति खराब होने की चिता हर किसी को है। वहीं प्रदूषण का ग्राफ उम्मीद से नीचे तक आने से सुधर रही आबोहवा राहत की सांस भी देती है। सामान्य दिनों में बहुत अधिक खराब स्थिति में पहुंचा प्रदूषण का ग्राफ इन दिनों काफी नीचे गिर आया है, जो अब संतुलित स्थिति में आकर स्वस्थ्य के लिए लाभकारी माना जाने लगा है। प्रदूषण का ग्राफ गिरने से मौसम में भी परिवर्तण देखने को मिला है, जो शाम होते ही ठंडी हवा का अहसास कराता है।

एनसीआर में शामिल मुजफ्फरनगर में औद्योगिक इकाईयों और वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण आबोहवा को जहरीला बना चुका था। जनपद में एक समय ऐसा भी आ गया था, जहां प्रदूषण का ग्राफ बहुत खराब स्थिति में पहुंचा गया था। यहीं कारण है कि दीपावली पर पटाखों की आतिशबाजी से पहले ही क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कई औद्योगिक इकाईयों पर कार्रवाई कर मोटा जुर्माना लगा पड़ा, लेकिन गत वर्ष लाकडाउन में हालत सुधरे दिखाई दिए थे, जो फिर से दीपावली पर खराब हो गए थे। शहरी क्षेत्र के नई मंडी और तहसील पर प्रदूषण जांच के लिए लगी मशीनों में दर्ज किया गया एयर क्वालीटी इंडेक्स (एक्यूआई) 350 तक पहुंच गया था, जो हवा में प्रदूषण के कण बढ़ने पर स्वास्थ्य की समस्या पैदा करने के संकेत देकर चिता बढ़ाता है। अप्रैल में लाकडाउन लगने के बाद वाहनों की आवाजाही और औद्योगिक इकाइयों की चिमनियों से निकलने वाला धुंआ कम होने पर जनपद को राहत मिलनी शुरू हो गई है। मई महीने में एक्यूआई 98 तक पहुंच गया था, जो संतुष्ट वाली श्रेणी को दर्शाता है, हालाकि कि 98 केवल शुक्रवार यानी ईद के दिन दर्ज हुआ है। इसके अलावा 100 से 150 के बीच हिलोरे ले रहा है, जो संतुलित श्रेणी में रूकने पर संतुष्ट करता है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जेई विपुल कुमार ने बताया कि मई में प्रदूषण का ग्राफ काफी घटा है, जिसका कारण लाकडाउन है।

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प्रदूषण घटने से हवा हुई बेहतर

लाकडाउन में प्रदूषण घटने से हवा में प्रदूषण के कणों की मिलावट बहुत कम हो गई है। उधर इस वक्त शाम के समय मौसम सुहाना होने के साथ हवा भी ठंडी हो रही है। चिकित्सकों की माने तो इस समय सुबह और शाम को हवा लेने से भी लोगों को अधिक लाभ मिल रहा है, लेकिन कोरोना के कारण भीड़ वाले स्थान पर मास्क हटाकर हवा को महसूस करने की गतली न करें। तभी हवा का आंनद ले, जब मनुष्य बिलकुल अकेला हो, जहां मास्क हटाकर आधे घंटे तक हवा ले सके।

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मई में प्रदूषण का ग्राफ

दिनांक एक्यूआई

1 मई 334

2 मई 205

3 मई दर्ज नहीं हुआ

4 मई 189

5 मई 163

6 मई 169

7 मई 112

8 मई 124

9 मई 140

10 मई 134

11 मई 134

12 मई 133

13 मई 103

14 मई 98

15 मई 132

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