चाइनीज मांझे में उलझे बेजुबान
वायुमंडल में कलाबाजी करते दो बाज थककर शारदेन स्कूल के प्रांगण में स्थित पेड़ की शाखा पर बैठे तो चाइनीज मांझे में उलझ गए। मांझे से मुक्त होने की जद्दोजहद में दोनों बेजुबान घायल हो गए। उड़ नहीं सके। शारदेन स्कूल की प्रधानाचार्या धारा रतन और उनकी बेटी इल्लिका रतन ने दोनों पक्षियों को बचाने का प्रयत्न किया।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। वायुमंडल में कलाबाजी करते दो बाज थककर शारदेन स्कूल के प्रांगण में स्थित पेड़ की शाखा पर बैठे तो चाइनीज मांझे में उलझ गए। मांझे से मुक्त होने की जद्दोजहद में दोनों बेजुबान घायल हो गए। उड़ नहीं सके। शारदेन स्कूल की प्रधानाचार्या धारा रतन और उनकी बेटी इल्लिका रतन ने दोनों पक्षियों को बचाने का प्रयत्न किया। मशक्कत के बाद कर्मचारी की मदद से दोनों को पेड़ से उतारा। प्राथमिक उपचार के बाद सरकारी अस्पताल में उपचार करवाया। प्रधानाचार्या ने बताया कि चिकित्सक धरम सिंह से बात हुई है और उन्होंने बताया कि दोनों पक्षी ठीक हैं। उम्मीद जताई कि जल्द उड़ान भर सकेंगे। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि चाइनीज मांगे का प्रयोग न करें। साथ ही प्रशासन भी मांझे की बिक्री पर रोक लगाए।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पौधारोपण पहल सराहनीय : विजय सिंह
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। 25 साल से भ्रष्टाचार के खिलाफ धरने पर बैठे मास्टर विजय सिंह ने फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के पांच हजार नीम के पौधे रोकने के संकल्प की सराहना की है। उनका कहना है नीम औषधीय गुणों का खजाना है। कोरोना में नीम का प्रयोग किया जा रहा है। नीम का रोपण समय की जरूरत है। पहले गांव-देहात में हर घर व घेर में नीम का पेड़ होता था। बुखार होने पर नीम पका कर पीते हैं। खून साफ करने में नीम सहायक है। मास्टर विजय सिंह बताते हैं कि विकास की आड़ में पेड़ों की खूब कटाई हो रही है, ऐसे में नवा•ाुद्दीन सिद्धीकी ने वृक्षारोपण की शानदार पहल की है। नागरिकों से अपील है कि पौधारोपण अभियान से जुड़े और उनका संरक्षण भी करें। बीते वर्षो में पौधे तो खूब रोपे गए, लेकिन उनकी देखभाल नहीं होने से हरे-भरे होकर वृक्ष का रूप नहीं ले पाए।