किसानों के लिए आफत बनी झमाझम बारिश
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से रविवार को हवा के साथ झमाझम बारिश हुई। बारिश से शहर के निचले इलाकों व चौराहों पर कुछ देर के लिए जलभराव हुआ। बारिश किसानों के लिए आफत के रूप में हुई। खेत में पकी खड़ी तथा कुछ खेतों में कटी पड़ी धान की फसल को नुकसान पहुंचा है। इससे चावल की गुणवत्ता पर असर पड़ने की आशंका है। सरसों की बोआई भी लेट से हो सकेगी।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से रविवार को हवा के साथ झमाझम बारिश हुई। बारिश से शहर के निचले इलाकों व चौराहों पर कुछ देर के लिए जलभराव हुआ। बारिश किसानों के लिए आफत के रूप में हुई। खेत में पकी खड़ी तथा कुछ खेतों में कटी पड़ी धान की फसल को नुकसान पहुंचा है। इससे चावल की गुणवत्ता पर असर पड़ने की आशंका है। सरसों की बोआई भी लेट से हो सकेगी।
रविवार की तड़के घटा छाई हुई थी। कई बार बूंदाबांदी हुई। सुबह करीब आठ बजे बादलों की गरज और आकाशीय बिजली की चमक के साथ झमाझम बारिश शुरू हुई। बारिश से निचली बस्तियों व चौराहों शिव चौक, नावल्टी चौक, लद्दावाला, किदवईनगर, जनकपुरी आदि स्थानों पर पानी भर गया। बारिश बंद होने के कुछ देर बाद पानी सड़कों से पानी उतर सका। खेत में पकी खड़ी धान की फसल जमीन पर लेट गई। कुछ खेतों में धान की फसल कटी पड़ी थी। ऐसे में धान की गुणवत्ता प्रभावित होने के आसार हो गए हैं। ईधन गीला होने से कोल्हू-क्रेशर भी बंद हो गए। बारिश से मिलों का पेराई सत्र भी देर से शुरू होने के आसार हो गए हैं। मिल प्रबंधन का मानना है कि बारिश से गन्ने में रिकवरी कम होती है। पूरे दिन रुक-रुककर रिमझिम बारिश होती रही। मौसम विभाग के अनुसार रविवार को अधिकतम तापमान 25.7 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 21.6 डिग्री सेल्सियस रहा। शाम पांच बजे तक बारिश 29.2 मिमी. रिकार्ड की गई। इन्होंने कहा..
बारिश से सबसे अधिक नुकसान पकी खड़ी धान की फसल को है। हवा में धान की फसल गिरने पकी खड़ी फसल की बालियां भीगने से चावल की गुणवत्ता खराब होने के आसार बन गए हैं। बाकी फसलों को कोई नुकसान नहीं है।
- पीके सिंह, कृषि वैज्ञानिक मानसून अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में विदा हो गया था। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से जिले में रविवार व सोमवार को भारी बारिश होने तथा मंगलवार को बादलों की आवाजाही होने के आसार हैं।
- जेपी गुप्ता, निदेशक मौसम विभाग 128 मीट्रिक टन हुई सरकारी धान की खरीद
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर : जिला खाद्य विपणन अधिकारी कमलेश सिंह ने बताया कि धान की सरकारी खरीद के लिए जिले में नौ क्रय केंद्र बनाए गए हैं। अभी तक खतौली व जानसठ के क्रय केंद्र ऐसे हैं जिन पर धान के एक दाने की भी खरीद नहीं हो सकी। धान बिक्री के लिए अब तक करीब 550 किसानों ने अपना पंजीकरण करा लिया है। 37 किसानों से 128 मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है। उन्होंने बताया कि सभी केंद्रों पर बारदाना, धान रखने आदि की उचित व्यवस्था है। किसी भी क्रय केंद्र पर बारिश में धान भीगने का कोई खतरा नहीं है। बारिश होने से धान में नमी बढ़ जाएगी। 17 प्रतिशत या इससे कम नमी वाले धान की ही सरकारी खरीद की जाती है।
बारिश से बिगड़ी शहर की सूरत, जलभराव
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। खतौली में रविवार सुबह हुई मूसलधार बारिश ने शहर की सूरत बिगाड़ दी। जगह-जगह जलभराव होने के कारण लोग परेशान हो गए। दुकानों के सामने नालों का गंदा पानी भरने से ग्राहक व दुकानदारों को परेशानी हुई। उधर, मंसूरपुर के अजमतगढ़ गांव में एक व्यक्ति के मकान पर आकाशीय बिजली गिरने से लिटर से मलबा टूट कर गिर गया, जबकि गांव की बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई।
सुबह गरज के साथ बारिश से मौसम सुहाना हो गया। बिद्दीबाड़ा बाजार, जानसठ रोड, जीटी रोड, नगरपालिका रोड के साथ सद्दीकनगर कालोनी, नई आबादी के कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन गई। बारिश ने पालिका की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। नाले चोक होने के कारण गंदा पानी सड़कों तक निकल आया। इससे दुकानदारों को परेशानी हो गई। उधर, मंसूरपुर क्षेत्र के अजमतगढ़ गांव निवासी जिले सिंह के मकान पर रविवार सुबह तेज बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिर गई। इससे लिटर में लगा लोहे का कढ़ा, विद्युत केबिल मलबे के साथ टूटकर गिर गया। विद्युत केबिल से गांव की लाइन में फाल्ट हो गया, जिससे रविवार को दिनभर गांव में बिजली व्यवस्था प्रभावित रही।