सहयोग की गांठ से जुड़ रही रिश्तों की नई डोर

महामारी के इस दौर में लोगों को इंसानी रिश्तों की अहमियत पता चल रही है। कहीं खून के रिश्तों का रंग फीका पड़ रहा है लेकिन समाज में ऐसे भी लोग हैं जो सहयोग की गांठ लगाकर रिश्तों की टूटी डोर मजबूत कर रहे हैं। कुछ ऐसे ही हालात में जिले के समाजसेवी अपनी भूमिका निभा रहे हैं किसी को आक्सीजन तो किसी को जरूरी दवाइयां उपलब्ध कराकर परस्पर सहयोग की संस्कृति की नई इबारत लिखी जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 10:53 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 10:53 PM (IST)
सहयोग की गांठ से जुड़ रही रिश्तों की नई डोर
सहयोग की गांठ से जुड़ रही रिश्तों की नई डोर

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। महामारी के इस दौर में लोगों को इंसानी रिश्तों की अहमियत पता चल रही है। कहीं खून के रिश्तों का रंग फीका पड़ रहा है, लेकिन समाज में ऐसे भी लोग हैं जो सहयोग की गांठ लगाकर रिश्तों की टूटी डोर मजबूत कर रहे हैं। कुछ ऐसे ही हालात में जिले के समाजसेवी अपनी भूमिका निभा रहे हैं, किसी को आक्सीजन तो किसी को जरूरी दवाइयां उपलब्ध कराकर परस्पर सहयोग की संस्कृति की नई इबारत लिखी जा रही है।

निर्वाल हास्पिटल पर उपचार कराने पहुंचे एक मरीज के शरीर का आक्सीजन स्तर काफी नीचे जा रहा था। मरीज के तीमारदार ने घर पर उपचार के लिए आक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम कर लिया था, लेकिन फ्लो मीटर न होने के कारण मरीज की सांस अटकी हुई थी। काफी प्रयास के बावजूद सफलता न मिलने पर उनके जानकार चिकित्सक डा. वलीउल्लाह ने डीएम को आक्सी फ्लोमीटर की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए ट्वीट किया। डीएम को फालो करने वाले समाजसेवी एड. असद जमा ने ट्वीट देखा तो स्वयं ही मदद को आगे आए। डा. वलीउल्लाह ने बताया कि उनका ट्वीट पढ़कर असद जमा एड. ने उन्हें स्वयं फोन किया और मदद का भरोसा दिलाया। बताया कि एक घंटे बाद उन्होंने आक्सी फ्लोमीटर का नि:शुल्क इंतजाम कर फोन किया और उसे घर पहुंचा दिया।

शुगर मिलों में बनाए जाएं अस्थायी अस्पताल : नरेश टिकैत

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने शुगर मिलों के उपाध्यक्ष, जिलाधिकारी और जिला गन्ना अधिकारी को पत्र भेजकर शुगर मिलों में आक्सीजनयुक्त अस्थायी अस्पताल बनाने की मांग की है।

पत्र के माध्यम से चौधरी नरेश टिकैत ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना आक्रामक रूप ले चुका है। हर घर में इस समय कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। संसाधनों के अभाव में लोगों को आक्सीजन और अस्पताल की सुविधा न मिलने के कारण गांव में काफी संख्या में लोगों की मौत हो रही हैं। शुगर मिलों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मदद करें। कहा कि यह बहुत ही दुखद है कि किसी भी शुगर मिल ने आगे आकर मदद की इच्छा नहीं जताई है। उन्होंने शुगर मिलों में 100 बेड का आक्सीजन युक्त अस्थायी अस्पताल बनाने की मांग की है।

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