श्रीगुरु नानकदेव का प्रकाश पर्व उल्लास के साथ मना

श्रीगुरु नानकदेव महाराज का 552वां प्रकाश पर्व पंचायती गुरुद्वारा पंचदरा समिति ने सर्राफा बाजार में मनाया। इस अवसर पर महान कीर्तन दरबार लगा जो देर रात तक चला। इसमें राजौरी गार्डन दिल्ली से रागी जत्था के भाई परमजीत सिंह खालसा वालों ने गुरुबानी कीर्तन से संगतों को निहाल किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 12:04 AM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 12:04 AM (IST)
श्रीगुरु नानकदेव का प्रकाश पर्व उल्लास के साथ मना
श्रीगुरु नानकदेव का प्रकाश पर्व उल्लास के साथ मना

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। श्रीगुरु नानकदेव महाराज का 552वां प्रकाश पर्व पंचायती गुरुद्वारा पंचदरा समिति ने सर्राफा बाजार में मनाया। इस अवसर पर महान कीर्तन दरबार लगा, जो देर रात तक चला। इसमें राजौरी गार्डन दिल्ली से रागी जत्था के भाई परमजीत सिंह खालसा वालों ने गुरुबानी कीर्तन से संगतों को निहाल किया। उन्होंने श्रीगुरु नानकदेव महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गुरुजी का जन्म तलवंडी (पाकिस्तान) में हुआ था। उनके पिता का नाम मेहता कालू और माता का नाम मां तृप्ता था। इस दौरान उन्होंने 20 रुपये से लंगर लगाने की परंपरा बतायी। कार्यक्रम में किसान आंदोलन में किसानों की लंगर सेवा के लिए श्रीगुरु सिंह सभा के प्रधान सरदार गुरुचरण सिंह बराड, सरदार मोहिदर सिंह बेदी आदि ने सेवा के लिए सेवादारों को गुरुघर के सर्वोच्च सम्मान से सभी को सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन सरदार सतनाम सिंह हंसपाल ने किया। कार्यक्रम में डा. प्रतिपाल सिंह कथूरिया, स. सतनाम सिंह हंसपाल, संत नारायण सिंह व स. हरमिंदर सिंह आदि मौजूद रहे।

सर छोटूराम की जयंती मनाई

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। खतौली में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने किसान मसीहा सर छोटूराम जयंती मनाई। उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए। वक्ताओं ने सर छोटूराम के जीवन पर प्रकाश डाला। कहा उन्होंने जीवनभर किसानों, गरीबों और मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ी।

अशोका विहार आवास विकास कालोनी में रोशन पंडित के प्रतिष्ठान पर भाकियू नेता राकेश चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सर छोटूराम की जन्मदिवस मनाया गया। उनके चित्र पर पुष्प अ़र्पित किए गए। इस मौके पर राकेश चौधरी ने कहा कि उनका जन्म हरियाणा के एक छोटे से गांव गढ़ी सांपला में बहुत साधारण परिवार में हुआ था। उन्होंने ब्रिटिश शासन में किसानों, मजदूरों और गरीबों की आवाज को बुलंद किया। उन्हें किसान मसीहा के तौर पर जाना जाता है। उन्हें दीनबंधु भी कहा जाता था। वह साधारण जीवन जीते थे। सर छोटूराम ने वकालत करने के साथ ही 1912 में जाट सभा का गठन किया। कहा कि किसान मसीहा सर छोटूराम के किसानों के उत्थान के लिए किए गए कार्यो से सीख लेनी चाहिए। इस अवसर रोशन पंडित, राहुल राणा, अंकित एडवोकेट, प्रदीप सैनी, अरुण पंडित, अमरपाल, मोमीन अहमद, कपिल खारी, राजदेव पूनिया व ठा. रामभूल आदि मौजूद रहे।

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