'पृथ्वी पर सबसे पहले आई थी गाय'

पुरकाजी स्थित बालाजी धाम के संस्थापक गुरुजी पंडित घनश्याम दास शर्मा ने कहा कि सृष्टि के निर्माण में पृथ्वी पर सबसे पहले गाय को भेजा गया था। गौशाला के स्थापना दिवस पर यज्ञ का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 11:52 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 11:52 PM (IST)
'पृथ्वी पर सबसे पहले आई थी गाय'
'पृथ्वी पर सबसे पहले आई थी गाय'

मुजफ्फरनगर, टीम जागरण। पुरकाजी स्थित बालाजी धाम के संस्थापक गुरुजी पंडित घनश्याम दास शर्मा ने कहा कि सृष्टि के निर्माण में पृथ्वी पर सबसे पहले गाय को भेजा गया था। गौशाला के स्थापना दिवस पर यज्ञ का आयोजन किया गया।

खाईखेड़ी मार्ग पर स्थित श्रीबालाजी गौशाला के तीसरे स्थापना दिवस पर परिसर में बुधवार को दोपहर में पंडित विनोद शास्त्री ने यज्ञ कराया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने आहुति दी। गौशाला के संस्थापक पंडित घनश्याम दास शर्मा ने कहा कि हिदू धर्म में गाय को माता कहा गया है। पुराणों में धर्म को भी गौ रूप में दर्शाया गया है। गाय को कामधेनु के रूप में सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला भी बताया गया है। कहा कि आज भी भारतीय समाज में गाय को गौ माता कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्माजी ने जब सृष्टि की रचना की थी तो सबसे पहले गाय को ही पृथ्वी पर भेजा था। सभी जीवधारियों में मात्र गाय के लिए ही मां शब्द का प्रयोग होता है। इसलिए माना जाता है कि मां शब्द की उत्पत्ति भी गौवंश से हुई है। इस दौरान आशीष बरस्वाल, पराग शर्मा, तुषार शर्मा, लक्ष्मण, निखिल गोयल, शौर्य व अंकुश शर्मा आदि मौजूद रहे।

बेसहारा गोवंश के लिए बनेगी 11 अस्थाई गोशाला

मुजफ्फरनगर, टीम जागरण। बुढ़ाना तहसील क्षेत्र के गांवों में बेसहारा घूम रहे गोवंश को आश्रय देने के लिए 11 अस्थाई गोशाला बनाई जाएंगी। इसके लिए चयनित गांवों में भूमि चिह्नित की जा रही है ताकि जल्द निर्माण शुरू कराया जा सके।

क्षेत्र के गांवों में बड़ी संख्या में घूम रहे बेसहारा गोवंश के फसलों को नुकसान पहुंचाने से किसानों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसके दृष्टिगत शासन-प्रशासन ने क्षेत्र में 11 नई अस्थाई गोशाला बनाने का निर्णय लिया है। तहसीलदार सतीश चंद्र बघेल ने बताया कि भैंसाना, अलीपुर अटेरना, सफीपुर पट्टी, मोहम्मदपुर रायसिंह आदि 11 गांवों में अस्थाई गोशाला बनाई जाएगी। लेखपालों को चिह्नित गांवों में भूमि का चयन किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। बीडीओ कपिल कुमार ने बताया कि गोवंश को जहां प्राकृतिक वातावरण में संरक्षण व सुरक्षा मिले वहीं स्थल का चिह्नांकन किया जा रहा है। मंडावली खादर गांव में अस्थाई गोशाला की जगह के चिह्नीकरण के बाद कार्य प्रारंभ हो गया है।

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