लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों की अस्थियां गंगा में विसर्जित
लखीमपुर खीरी की घटना में मारे गए किसानों की अस्थियां शुकतीर्थ में गंगा में विसर्जित की गई।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। लखीमपुर खीरी की घटना में मारे गए किसानों की अस्थियां शुकतीर्थ में गंगा में विसर्जित की गई।
भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के साथ बुधवार को जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान, योगेश शर्मा, विकास चौधरी, अनुज पहलवान, मिंटू प्रधान व बिट्टू प्रधान आदि लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों की अस्थियों को लेकर शुकतीर्थ गंगा घाट पर पहुंचे। जहां पर मोटरबोट के जरिए नरेश टिकैत ने अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया। नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों का यह बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा। कृषि कानून को लेकर सरकार हमसे बात करे। शुरू में किसान दो कदम पीछे हटने को तैयार था, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। सरकार पीछे हटेगी तो किसान भी कुछ सोचेगा। सरकार इस मामले को सुलझाना नहीं चाहती है। इससे पूर्व नरेश टिकैत भोपा में गंगनहर पटरी स्थित नईमा की मजार पर भी गए। पुष्पेंद्र, चौधरी नरेंद्र, पूर्व प्रधान चंद्रवीर राठी, उन्नाव प्रधान मौजूद रहे।
भगवान आदिनाथ की आराधना में जलाए दीप
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। खतौली में बड़ा बाजार स्थित शांतिनाथ जैन मंदिर में 48 दीप जलाकर भक्तामर की महाअर्चना की गई। सुश्रावकों ने भगवान शांतिनाथ का अभिषेक व पूजा-अर्चना की। भगवान की भक्ति में भजन प्रस्तुत किए गए।
इस अवसर पर आयोजित धर्मसभा में सुधा जैन व मीनू जैन ने बताया कि भक्त का आराध्य प्रभु के गुणों का वर्णन करना ही स्तोत्र है। जब मानतुंग अपने आराध्य प्रभु के चरणों में स्वयं को समर्पित करते है तो उनके अंतर्मन से भक्ति की धारा प्रकट होती है। भक्तामर स्तोत्र में 48 श्लोक हैं, जिनमें आदिनाथ भगवान की आराधना की गई है। स्वयं आचार्य मानतुंग इस काव्य की रचना करते-करते बंधन मुक्त हो गए थे। इसी के साथ धर्मचर्चा करते हुए अन्य सुश्रावकों ने बताया कि विचारों की पवित्रता मनुष्य को आत्मिक रूप से सबल बनाती है। जीवन में सत्संगति की तरफ ध्यान देना चाहिए। साधु व साध्वी सेवा के प्रति समर्पित रहना जीवन की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। लकी ड्रा व प्रश्न मंच विजेताओं को पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विभा, वर्षा, बल्लू सराफ, ऋषभ, सुधा, मीनू, ममता, उमा, शीलचंद, रेणु, पारस, अक्षय, मनीषा, सुबोध व सुशील आदि मौजूद रहे।