बढ़ती गर्मी से किसानों के माथे पर चिता का पसीना

लगातार बढ़ रहे तापमान ने किसानों के माथे पर चिता का पसीना ला दिया है। गेहूं फसल की अच्छी वृद्धि के लिए फरवरी-मार्च में हल्की ठंडक होना जरूरी है। अचानक गर्मी बढ़ने से गेहूं की फसल को नुकसान होने की आशंका बढ़ने लगी है। बढ़ते तापमान से गेहूं का दाना सिकुड़ जाता है और पैदावार प्रभावित होने की आशंका बढ़ जाती है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 11:39 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 11:39 PM (IST)
बढ़ती गर्मी से किसानों के माथे पर चिता का पसीना
बढ़ती गर्मी से किसानों के माथे पर चिता का पसीना

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। लगातार बढ़ रहे तापमान ने किसानों के माथे पर चिता का पसीना ला दिया है। गेहूं फसल की अच्छी वृद्धि के लिए फरवरी-मार्च में हल्की ठंडक होना जरूरी है। अचानक गर्मी बढ़ने से गेहूं की फसल को नुकसान होने की आशंका बढ़ने लगी है। बढ़ते तापमान से गेहूं का दाना सिकुड़ जाता है और पैदावार प्रभावित होने की आशंका बढ़ जाती है।

जिले में करीब 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की फसल खड़ी है। एक सप्ताह में मौसम का मिजाज बदल गया। सूर्य की बढ़ती तपिश ने किसानों के माथे पर चिता की लकीरें पैदा कर दी हैं। जिले में गन्ना फसल काटकर जनवरी के अंत तक गेहूं फसल की बोआई की जाती है। समय से पहले गर्मी पड़ना शुरू होने से गेहूं की पैदावार प्रभावित होने के आसार हो रहे हैं। यदि ऐसी ही गर्मी पड़ती रही तो गेहूं की फसल को भारी नुकसान होगा। गेहूं की बालियों में दाना सिकुड़ जाएगा और पैदावार घट जाएगी। नंगला मुबारिक निवासी ब्रजबीर सिंह ने बताया कि फरवरी माह में इस तरह की गर्मी कभी नहीं देखी। इससे गेहूं व सब्जी की फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। गर्मी के कारण गेहूं की बाली पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाएगी, जिस कारण गेहूं का दाना कमजोर रहने की आशंका बन गई है। इससे पैदावार घटने की आशंका प्रबल होने लगी है। जानसठ निवासी सुरेश कांबोज ने बताया कि समय से पहले गर्मी पड़ने के कारण गेहूं की फसल काफी कम रहने की आशंका है। गर्मी के साथ चलने वाली पछुआ हवा और भी नुकसान दे रही है। हवा खेतों की नमी को सोख रही है, जिससे गेहूं व सब्जी की फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। भूराहेड़ी निवासी किसान सोहनवीर सिंह का कहना है कि फरवरी माह में फसल के हिसाब से इतनी गर्मी होना अच्छा नहीं है। तापमान बढ़ने से गेहूं की फसल जल्दी पकेगी। पछेती बोआई की गई गेहूं की फसल को तो भारी नुकसान पहुंचेगा। पैदावार घट जाएगी। गोधना निवासी किसान इरशाद का कहना है कि 26 जनवरी तक किसानों ने गेहूं की बोआई की। इस बार गर्मी कुछ समय से पहले आ गई। तेज धूप के साथ यदि हवा भी चलती है तो इससे और अधिक नुकसान बढ़ जाएगा। गेहूं की बाली में दाना नहीं बन पाएगा। इससे पैदावार में गिरावट आएगी। इन्होंने कहा..

मौसम में अभी उतार-चढ़ाव रहेगा। अगले तीन-चार दिन तापमान में थोड़ा गिरावट आएगी। ठंडी हवा चलने से सुबह-शाम ठंड रहेगी। इसके बाद फिर तापमान में थोड़ा बढ़ोतरी होगी।

-जेपी गुप्ता, निदेशक मौसम विभाग

बढ़ता तापमान गेहूं की फसल के लिए नुकसानदेह है। इसके लिए कोई कुछ नहीं कर सकता। किसान को खेत में नमी बनाए रखने के लिए जल्दी-जल्दी सिचाई करनी पड़ेगी।

-डा. पीके सिंह, अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र, बघरा

पांच दिन के तापमान पर एक नजर- दिनांक अधिकतम न्यूनतम 24 जनवरी 30.8 10.8 25 जनवरी 31.0 12.6 26 जनवरी 31.5 13.8 27 जनवरी 31.0 15.6 28 जनवरी 29.0 16.0 (नोट : तापमान डिग्री सेल्सियस में है।)

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