हर किसी के कल्याण को कार्य करते थे कल्याणदेव

तीन युगों के युगदृष्टा पदम भूषण वीतराग स्वामी कल्याण देव हर किसी के कल्याण के लिए काम करते थे। गरीब किसान मजदूर व्यापारी उद्योगपति राजनेता अधिकारी हर कोई उनकी कार्य शैली से प्रभावित हो जाता था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 11:42 PM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 06:08 AM (IST)
हर किसी के कल्याण को कार्य करते थे कल्याणदेव
हर किसी के कल्याण को कार्य करते थे कल्याणदेव

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। तीन युगों के युगदृष्टा पदम भूषण वीतराग स्वामी कल्याण देव हर किसी के कल्याण के लिए काम करते थे। गरीब, किसान, मजदूर, व्यापारी, उद्योगपति, राजनेता, अधिकारी हर कोई उनकी कार्य शैली से प्रभावित हो जाता था।

उद्यमी सत्यप्रकाश रेशू का कहना है कि स्वामीजी ने अनेक अस्पताल, गौशाला, शिक्षण संस्थान, प्रार्थना स्थल, आश्रम आदि की स्थापना कराई, लेकिन वह किसी भी संस्थान का अन्न-जल ग्रहण नहीं करते थे। ग्रामीण क्षेत्रों का विकास, शिक्षण संस्थाएं व धर्मशालाओं का निर्माण उनकी प्राथमिकता में शामिल थे। वह सभी धर्म के लोगों को साथ लेकर चलते थे। पैदल चलना, गन्ना, मूंगफली, गुड़-चना खाना, भिक्षा का भोजन ग्रहण करना, हर समय सबकी मदद करना उनकी विशेषता रही। देश के कई राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल आदि भी स्वामीजी के संपर्क में रहे। डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरु, ज्ञानी जैल सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, मुलायम सिंह यादव, योगी आदित्यनाथ आदि शुकतीर्थ आए। रेशू को भी अल्पायु में ही स्वामीजी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। उन्होंने उन सभी कामों को आगे बढ़ाया गया जो स्वामी जी को पसंद थे। पैदल चलना, सबकी सुनना, फटे कपड़े पहनना, कम खाना, अखबार पढ़ना, पत्र लिखवाना स्वामी को बहुत प्रिय थे। उन्हें स्वामी जी के लिए कई बार भोजन मांग कर लाने का अवसर मिला। स्वामी जी सदैव भिक्षा में प्राप्त भोजन ग्रहण करते थे।

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