संस्कारशाला से छात्रों को मिली पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा

पर्यावरण सरंक्षण के प्रति समाज और बच्चों को जागरूक करने के उद्देश्य से गुरुवार को एमजी व‌र्ल्ड विजन स्कूल में दैनिक जागरण के संस्कारशाला कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान बच्चों को पर्यावरण संरक्षण विषय पर प्रकाशित हुई कहानी से जागरूक किया गया। कहानी सुनकर बच्चों ने पौधे और पानी को बचाने का संकल्प लिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 11:39 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 11:39 PM (IST)
संस्कारशाला से छात्रों को मिली पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा
संस्कारशाला से छात्रों को मिली पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। पर्यावरण सरंक्षण के प्रति समाज और बच्चों को जागरूक करने के उद्देश्य से गुरुवार को एमजी व‌र्ल्ड विजन स्कूल में दैनिक जागरण के संस्कारशाला कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान बच्चों को पर्यावरण संरक्षण विषय पर प्रकाशित हुई कहानी से जागरूक किया गया। कहानी सुनकर बच्चों ने पौधे और पानी को बचाने का संकल्प लिया। वहीं प्रधानाचार्य ने बच्चों को हरियाली फैलाने के प्रति प्रेरित भी किया। खास बात यह रही कि कहानी सुनने के बाद बच्चों ने मंच पर आकर बेबाकी से पर्यावरण संरक्षण का महत्व शिक्षकों को बताते हुए पेड़-पौधे लगाने का संकल्प लिया।

दैनिक जागरण में बुधवार के अंक में संस्कारशाला के तहत पर्यावरण संरक्षण विषय पर कहानी प्रकाशित हुई। इस कहानी में बताया गया कि एक विद्यालय में लगे पेड़-पौधे इस कारण से सूखने लगे थे कि वहां पानी की सप्लाई कुछ दिन के लिए बंद हो गई थी। इसका विकल्प खोजते हुए विद्यालय के शिक्षकों ने बच्चों से कहा कि वह बोतल में पीने का पानी घर से लेकर आते हैं और छ़ुट्टी के समय बचाकर घर वापस लेकर जाते हैं। बोतल में बचा पानी विद्यालय परिसर में लगे पौधों में ही डालना शुरू करें। इसके बाद दस बच्चों के हिस्से में एक-एक पौधा आया और बच्चों ने पानी डालना शुरू कर दिया। इसके बाद कुछ ही दिन में पेड़-पौधे फिर से हरे-भरे हो गए। इस कहानी को सुनकर एमजी व‌र्ल्ड विजन स्कूल के बच्चों में भी पौधों को हरा-भरा रखने की प्रेरणा जाग गई। विद्यालय की शिक्षिका कामना ने बच्चों को रोचक तरीके से कहानी सुनाई। कहानी सुनने के बाद प्रधानाचार्या डा. मृणालिनी अनंत ने बच्चों से कहानी से मिली सीख के बारे में पूछा। इसके बाद एक के बाद एक बच्चा मंच पर पहुंचा और पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे रहने की बात कही। बच्चों की बातें सुनकर शिक्षक भी काफी खुश हुए। प्रधानाचार्या डा. मृणालिनी अनंत ने अंत में दैनिक जागरण का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समाचार-पत्र में प्रकाशित संस्कारशाला की कहानियां हमें प्रेरित करती हैं, जिससे समाज में जागरूकता पैदा होती है। बच्चों ने रखे विचार

संस्कारशाला की कहानी से हमें सीख मिलती है कि पेड़ों का कटान होने से रोकना चाहिए। पेड़ों में पानी समय पर देकर पर्यावरण संरक्षण के लिए भी जागरूक रहना चाहिए।

- ताहुरा, कक्षा पांचवीं

पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधों को बचाना बहुत जरूरी है। केवल पौधे ही नहीं जीवन के लिए पानी भी बहुत जरूरी है। पौधे और पानी बचाने के लिए हमें काम करना चाहिए।

- उमंग जैन, कक्षा पांचवीं

पानी हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी है। इसी प्रकार पेड़-पौधों के लिए भी पानी का उतना ही महत्व है। समय-समय पर पेड़ों में पानी देने से ही हमारे चारों ओर का पर्यावरण बचाया जा सकता है।

- उत्कर्ष, कक्षा चार

पेड़-पौधों से हमें आक्सीजन भी प्राप्त होती है। इसलिए पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने की बहुत जरूरत है। हमें अपने जन्मदिन पर पौधा लगाना चाहिए। इसके बाद हमारे साथ ही हर वर्ष पौधे का भी जन्मदिन मनाया जाए। - अमायरा, कक्षा चार

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