छात्रों से छेड़छाड़ प्रकरण की दिल्ली, लखनऊ में गूंज
पुरकाजी क्षेत्र के जीजीएस इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में 17 छात्राओं को रात में रोककर छेड़छाड़ करने के मामले की गूंज लखनऊ और दिल्ली तक पहुंच गई है। आलाधिकारियों ने बीएसए मायाराम को तलब करते हुए फटकार लगाई है। 15 दिन पूर्व इस मामले की शिकायत की गई थी लेकिन जिम्मेदार अफसरों ने सुध नहीं ली। वहीं पुलिस आरोपितों को बचाने में लगी रही। बाल कल्याण समिति महिला कल्याण समिति और मानवाधिकार आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है।
मुजफ्फरनगर, टीम जागरण। पुरकाजी क्षेत्र के जीजीएस इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में 17 छात्राओं को रात में रोककर छेड़छाड़ करने के मामले की गूंज लखनऊ और दिल्ली तक पहुंच गई है। आलाधिकारियों ने बीएसए मायाराम को तलब करते हुए फटकार लगाई है। 15 दिन पूर्व इस मामले की शिकायत की गई थी, लेकिन जिम्मेदार अफसरों ने सुध नहीं ली। वहीं पुलिस आरोपितों को बचाने में लगी रही। बाल कल्याण समिति, महिला कल्याण समिति और मानवाधिकार आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है।
कक्षा नौवीं और 10वीं की 17 छात्राओं को जीजीएस इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल-तुगलकपुर में 15 दिन पूर्व प्रयोगात्मक परीक्षा के बहाने रात्रि में रखा गया। रात में बालिकाओं से छेड़छाड़ की गई। इस मामल में 15 दिन बाद दो स्कूल संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। पूरे प्रकरण में पुलिस के साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली और अफसर कठघरे में हैं। पूरे प्रकरण ने जंग लगे विभागीय सिस्टम की पोल खोल दी है। कई ऐसे सवाल जिनके जवाब विभागीय अधिकारियों के पास भी नहीं है। वहीं सर्व शिक्षा अभियान और बालिका शिक्षा अभियान के आलाधिकारियों ने बीएसए को तलब किया है। बेसुध अफसर, संवेदनहीन पुलिस
15 दिन पूर्व इस मामले की शिकायत पीड़ित छात्राओं के अभिभावकों ने पुलिस और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की थी। पुलिस ने पूरे मामले को दबाने में अहम भूमिका निभाई। इसी के चलते पुरकाजी थाना प्रभारी को सस्पेंड किया गया है। वहीं बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने संज्ञान ही नहीं लिया। अभिभावकों का आरोप है कि बीएसए ने फोन ही नहीं उठाया।
सवाल जिनके बीएसए के पास नहीं हैं जवाब
- जीजीएस एकेडमी और सूर्यदेव पब्लिक स्कूल की मान्यता आठवीं तक है तो नौवीं और दसवीं की छात्राओं की प्रयोगात्मक परीक्षा कैसे संभव है?
- दोनों स्कूल में नौवीं, दसवीं के छात्रों के लिए किसी भी विषय की प्रयोगशाला ही नहीं है। फिर यहां क्यों लाया गया?
- इन बालिकाओं का कक्षा नौंवी और दसवीं में पंजीकरण किस हाईस्कूल या इंटर कालेज में कराया गया?
- बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इन विद्यालयों का निरीक्षण अंतिम बार कब किया था? इनका कहना है..
दोनों विद्यालय की मान्यता कक्षा एक से आठवीं तक है। इससे उच्च कक्षा की बालिकाओं का कहां से पंजीकरण कराया गया और स्कूल में रात को क्यों रखा गया इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। कई सवालों के जवाब जांच के बाद ही मिल पाएंगे। जांच रिपोर्ट के बाद दोनों विद्यालय की मान्यता रद की जाएगी।
- मायाराम, बेसिक शिक्षा अधिकारी