मतांतरण रोकने को बने सख्त कानून

शिवसेना की सहकारी गन्ना समिति परिसर-खतौली में रविवार को शिवसेना के वकीलचंद जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंहगाई बेरोजगारी विधानसभा चुनाव और मतांतरण के मामले पर चर्चा की गई। नगराध्यक्ष राकेश भटनागर ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी और मंहगाई से जनता त्रस्त है। उन्होंने अवैध मतांतरण को चिता का विषय बताया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 11:49 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 11:49 PM (IST)
मतांतरण रोकने को बने सख्त कानून
मतांतरण रोकने को बने सख्त कानून

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। शिवसेना की सहकारी गन्ना समिति परिसर-खतौली में रविवार को शिवसेना के वकीलचंद जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंहगाई, बेरोजगारी, विधानसभा चुनाव और मतांतरण के मामले पर चर्चा की गई। नगराध्यक्ष राकेश भटनागर ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी और मंहगाई से जनता त्रस्त है। उन्होंने अवैध मतांतरण को चिता का विषय बताया। अवैध मतांतरण रोकने के लिए देश में कानून बने, जिससे बहला फुसलाकर किसी का मतांतरण नहीं किया जा सके। बैठक में अमित कुमार, नरेश सैनी, सतीश, विनोद, नंदलाल, संजय, सुजल, शोभाराम, सावन, नीलकमल, अमन, सुनील, दीनदयाल मौजूद रहे।

मौलाना कलीम के ट्रस्ट व करीबियों की होगी पड़ताल

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। मौलाना कलीम सिद्दीकी पर अवैध मतांतरण और विदेशी फंडिग को लेकर शिकंजा कसा गया है। एटीएस की कस्टडी रिमांड में मौलाना कई राजफाश कर सकता है। एटीएस समेत स्थानीय खुफिया तंत्र मौलाना की संस्था, ट्रस्ट के साथ उसके करीबियों की गतिविधियों की भी पड़ताल कर रहा है। आशंका है कि मौलाना ने अकूत संपत्ति को परिचितों, सहयोगियों के बलबूते ही कागजों में समाहित कर रखी है। वहीं, हाफिज इदरीश से कारोबारी सहयोगी व साथी भी जांच एजेंसियों के रडार पर है।

एटीएस ने मौलाना कलीम को अवैध मतांतरण और विदेशी फंडिग का आरोपित मानते हुए कोर्ट के समक्ष पेश किया था। फिलहाल मौलाना कलीम एटीएस की कस्टडी रिमांड पर है। लखनऊ में एटीएस मौलाना से मतांतरण नेटवर्क, फंडिग संबंधी पूछताछ कर रही है। बताया गया है कि पूछताछ में मौलाना कई राजफाश कर सकता है। सूत्रों के अनुसार खुफिया एजेंसी लगातार फुलत गांव पर निगाह रखे हुए है। मौलाना विदेश से आने वाले पैसे को ट्रस्ट, मदरसों पर खर्च करता था। इसके ट्रस्ट और मदरसों में गैरकानूनी रूप से मतांतरण का खेल चलाया गया। उधर, हाफिज इदरीश से जुड़े लोगों के खिलाफ भी एटीएस या खुफिया विभाग कानूनी कार्रवाई कर सकता है।

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