स्टाफ नर्स रिकी को सेवाभाव से डिगा नहीं पाया संक्रमण

आपातकालीन सेवा के दौरान संक्रमण के खतरे के बावजूद गर्भवती की सेवा में जुटी स्टाफ नर्स रिकी विश्वकर्मा अन्य नर्सिग स्टाफ के लिए उदाहरण बन रही हैं। मरीजों को प्राथमिकता पर रखने वाली रिकी इस दौरान स्वयं भी संक्रमित हो गई लेकिन दृढ़ व प्रबल इच्छाशक्ति के बल पर वह स्वस्थ होकर फिर से स्वास्थ्य सेवा में जुट गई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 10:54 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 10:54 PM (IST)
स्टाफ नर्स रिकी को सेवाभाव से डिगा नहीं पाया संक्रमण
स्टाफ नर्स रिकी को सेवाभाव से डिगा नहीं पाया संक्रमण

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। आपातकालीन सेवा के दौरान संक्रमण के खतरे के बावजूद गर्भवती की सेवा में जुटी स्टाफ नर्स रिकी विश्वकर्मा अन्य नर्सिग स्टाफ के लिए उदाहरण बन रही हैं। मरीजों को प्राथमिकता पर रखने वाली रिकी इस दौरान स्वयं भी संक्रमित हो गई, लेकिन दृढ़ व प्रबल इच्छाशक्ति के बल पर वह स्वस्थ होकर फिर से स्वास्थ्य सेवा में जुट गई।

कोरोना का ग्राफ बढ़ने के बाद से नर्सिग स्टाफ को भी संक्रमण के खतरे ने घेरा हुआ है, लेकिन खतरा सामने देख कर भी यह वर्ग मरीजों की सेवा में जुटा है। जिला महिला अस्पताल के लेबर रूम की स्टाफ नर्स रिकी विश्वकर्मा ने इस मामले में सेवाभाव का उदाहरण पेश किया है। आपातकाल के दौरान प्रसव के लिए आने वाली गर्मवती महिलाओं का कोविड टेस्ट संभव नहीं हो पाता। इन हालात में संक्रमण के खतरे को भांप स्टाफ नर्स अपने फर्ज को अंजाम देती हैं। बताती है कि पांच अप्रैल को उनकी लेबर रूम में नाइट ड्यूटी थी। इस दौरान इमरजेंसी में एक गर्भवती महिला को भर्ती किया गया। लक्षण से वह संक्रमित दिख रही थी, लेकिन टेस्ट करने का वक्त नहीं था। हालात के मद्देनजर चिकित्सक ने उपचार शुरू किया और सुरक्षित प्रसव कराया। कोरोना प्रोटोकोल का काफी ख्याल रखा गया, लेकिन एक-दो दिन बाद बुखार ने घेर लिया। रिकी ने बताया कि वह पहले से आशंकित थीं, लेकिन तसल्ली थी कि उन्होंने एक नेक काम अंजाम दिया। टेस्ट कराया तो वह पाजिटिव पाई गई। होम आइसोलेशन में रहकर उपचार कराया। सहकर्मी सिस्टर पूजा सहित स्टाफ के अन्य लोगों ने काफी सहयोग किया और वह कोरोना को मात देकर स्वस्थ हो गई और फिर से काम में जुट गई।

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