छोटे वाहनों के लिए बनाई गई सड़क पर दौड़ रहे है बड़े वाहन
गंग पर हो रहे हादसों के लिए कहीं न कहीं प्रशासन भी जिम्मेदार है। छोटे वाहनों के लिए बनाई गई नहर पटरी पर पुलिस सेटिग से बड़े वाहन धड़ल्ले से इधर से उधर जा रहे हैं। दस माह पूर्व नहर में गिरी कार से लापता युवक का शव आज तक नहीं मिला। गंगनहर पटरी का सफर दिनोंदिन खतरे से भरा बनता नजर आ रहा है। प्रशासन भी इसे लेकर गंभीर नहीं है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। गंग पर हो रहे हादसों के लिए कहीं न कहीं प्रशासन भी जिम्मेदार है। छोटे वाहनों के लिए बनाई गई नहर पटरी पर पुलिस सेटिग से बड़े वाहन धड़ल्ले से इधर से उधर जा रहे हैं। दस माह पूर्व नहर में गिरी कार से लापता युवक का शव आज तक नहीं मिला। गंगनहर पटरी का सफर दिनोंदिन खतरे से भरा बनता नजर आ रहा है। प्रशासन भी इसे लेकर गंभीर नहीं है।
मुरादनगर से हरिद्वार जल्दी जाने के लिए लोग गंग नहर पटरी के मार्ग को चुनते हैं। इस सड़क को सरकार ने छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए बनाया था। कार और दुपहिया वाहन ही यहां से गुजरते थे। फिलहाल हालत यह है कि ट्रक, दस टायरा, ईंटों व लकड़ियों से भरी बड़ी ट्रालियां यहां से पुलिस से सेटिग कर खूब आवाजाही करती है। बड़े वाहनों को रोकने के लिए लगाए गए गार्डर भी नहर पटरी से हटा दिए गए हैं। दुर्घटना रोकने के लिए बनाई गई दीवार काफी जगहों पर नहीं है, ट्रैफिक को लेकर बनाए गए प्रतीक चिह्न कहीं नजर नहीं आते। दुर्घटना संभावित क्षेत्र कहीं लिखा नजर नहीं आता। इसके चलते यहां दुर्घटना होना आम बात हो गई है। इस साल फरवरी में हरियाणा के चार दोस्तों की कार भी इसी तरह धमात पुल के पास संतुलन बिगड़ने से गंग नहर में गिर गई थी। जिसमें दो युवक अनुज व मोहित बाहर निकल आए थे। अनिल का शव कार में मिला था तथा कार चला रहे भारत का शव दस माह बीत जाने के बाद भी आज तक नहीं मिल पाया है।