रामसेतु संधावली ओवरब्रिज से वाहनों ने भरा फर्राटा
10 साल से अधूरे पड़े दिल्ली-देहरादून हाईवे स्थित संधावली ओवर ब्रिज का कार्य पूरा हो गया है। रविवार को केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान ने इसका शुभारंभ किया। पुल का नाम रामसेतू संधावली ओवर ब्रिज रखा गया है। इसके साथ ही पुल पर वन-वे व्यवस्था समाप्त हो गई और दोनों साइड से वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से बहाल हो गया है। केंद्र राज्य मंत्री डॉक्टर बालियान ने ओवर ब्रिज पर गाड़ी चलाई जबकि राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल अगली सीट पर बैठे।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। 10 साल से अधूरे पड़े दिल्ली-देहरादून हाईवे स्थित संधावली ओवरब्रिज का रविवार को केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने शुभारंभ किया। पुल का नाम रामसेतु संधावली ओवरब्रिज रखा गया है। इसके साथ ही पुल पर वन-वे व्यवस्था समाप्त हो गई और दोनों साइड से वाहनों का आवागमन सुचारु हो गया है। डा. बालियान ने ओवरब्रिज पर गाड़ी चलाई और राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल अगली सीट पर बैठे।
एनएच-58 पर संधावली गांव के समीप स्थित ओवरब्रिज से करीब 10 साल से वन-वे व्यवस्था चल रही थी। केंद्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने डेढ़ साल में निर्माण कार्य पूरा कराया। उन्होंने कहा कि यह उनके राजनीतिक जीवन का महत्वपूर्ण कार्य है। अधूरे पुल की वजह से 50 से अधिक लोगों ने जान गंवाई है। बड़ी संख्या में लोग हादसे का शिकार हुए हैं। निर्माण कार्य पूरा होने से वाहनों को पुल की दोनों साइड से दौड़ते देखकर सुखद अहसास हो रहा है। व्यावसायिक एवं कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि इस पुल को रामसेतु संधावली ओवरब्रिज के नाम से जाना जाएगा। इस दौरान सदर ब्लॉक प्रमुख अमित चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष डा. सुधीर सैनी, जिला महामंत्री हरीश अहलावत, मीडिया प्रभारी अंचित मित्तल, डा. वीरपाल निर्वाल, सतपाल सिंह पाल, अशोक कंसल, विजय शुक्ला, सुषमा पुंडीर, शरद शर्मा आदि मौजूद रहे।
एनएचएआइ को कार्य पूरा करने में लगा डेढ़ साल
10 साल पहले एनएच-58 पर संधावली गांव के समीप ओवरब्रिज का निर्माण किया गया था। उस समय एक धर्म स्थल के ओवरब्रिज की जद में आने से निर्माण कार्य रोक दिया गया था। ओवरब्रिज के ऊपर डिवाइडर लगाकर वाहनों को वन-वे किया गया। पांच साल पहले डा. संजीव बालियान केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पुल पर लेकर आए थे। उन्होंने इसे खूनी पुल बताते हुए धर्म स्थल को हटवाने के निर्देश दिए थे। डा. बालियान के प्रयास से डेढ़ साल पहले मुआवजा देकर धर्म स्थल को हटाया गया। इसके बाद एनएचएआइ ने अधूरे पुल को पूर्ण करने को निर्माण कार्य शुरू किया।