पुलिस पर जानलेवा हमले में ढाई साल की सजा

कोर्ट ने तीन वर्ष पूर्व पुलिस पर हुए जानलेवा हमले के मामले में सुनवाई करते हुए आरोपित को दोषी ठहरा ढाई वर्ष की सजा सुनाई है। दो हजार का अर्थदंड भी लगाया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 11:35 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 11:35 PM (IST)
पुलिस पर जानलेवा हमले में ढाई साल की सजा
पुलिस पर जानलेवा हमले में ढाई साल की सजा

मुजफ्फरनगर, जागरण टीम। कोर्ट ने तीन वर्ष पूर्व पुलिस पर हुए जानलेवा हमले के मामले में सुनवाई करते हुए आरोपित को दोषी ठहरा ढाई वर्ष की सजा सुनाई है। दो हजार का अर्थदंड भी लगाया है। अभियोजन के अनुसार 23 अक्टूबर, 2018 को खतौली थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ बदमाश खतौली-मीरापुर रोड, गंगधाड़ी मोड़ पर कुछ बदमाश किसी वारदात को अंजाम देने आ रहे हैं। प्रभारी निरीक्षक पवन शर्मा ने पुलिस फोर्स के साथ लेकर बताए स्थान पर घेराबंदी की। इस दौरान दो संदिग्ध बाइक पर आते दिखाई दिये, जिन्हें रोकने का प्रयास किया गया बाइक पर पीछे बैठे व्यक्ति ने पुलिस पर फायरिग की। पुलिस की जवाबी फायरिग से बाइक पर पीछे बैठा व्यक्ति पैर में गोली लगने से घायल हो गया। बाइक फिसलने से वह नीचे गिर गया तो बाइक चालक भाग गया था। पुलिस ने घायल बदमाश को दबोच अस्पताल पहुंचाया था, जिसकी पहचान तुफैल पुत्र यामीन निवासी जैननगर-खतौली के रूप में हुई। पुलिस ने आरोपित को जेल भेज दिया। बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश बलराज सिंह के समक्ष हुई। कोर्ट ने सुनवाई कर पेश सुबूत व गवाह के आधार पर आरोपित को पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमले का दोषी मानते हुए ढाई वर्ष की सजा सुनाई। साक्ष्य के अभाव में बरी

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर : रुपयों के लेनदेन के विवाद में जानलेवा हमले के मामले में कोर्ट ने सुनवाई कर आरोपित को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

अभियोजन के अनुसार बुढ़ाना निवासी मो. ईसा ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उसके लड़के इरशाद से काजीवाड़ा गांव निवासी गुलजार ने 10 हजार रुपये उधार लिये थे। आरोप है कि जब उनसे रुपयो की मांग की गई तो गुलजार ने कहा कि वह रुपये देने उसके घर आ रहा है। आरोप है कि दो जुलाई, 2018 को शादाब उर्फ काला तथा कई अन्य उसके घर पर चढ़ आए तथा उसके बेटे पर जानलेवा हमला किया, जिससे वह गंभीर घायल हो गया। घटना का मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-11 राजेश भारद्वाज के समक्ष चला। बताया कि कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद साक्ष्य के अभाव में शादाब उर्फ काला को बरी कर दिया।

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