एससी-एसटी परिसंघ का कलक्ट्रेट में प्रदर्शन

अनुसूचित व पिछड़ी जातियों के विरुद्ध सरकार व न्याय पालिकाओं में आरक्षण विरोधी निर्णयों को लेकर अनुसूचित जाति-जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. उदितराज के आह्वान पर गुरुवार को कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया गया। कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 11:18 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 11:18 PM (IST)
एससी-एसटी परिसंघ का कलक्ट्रेट में प्रदर्शन
एससी-एसटी परिसंघ का कलक्ट्रेट में प्रदर्शन

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। अनुसूचित व पिछड़ी जातियों के विरुद्ध सरकार व न्याय पालिकाओं में आरक्षण विरोधी निर्णयों को लेकर अनुसूचित जाति-जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. उदितराज के आह्वान पर गुरुवार को कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया गया। कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा।

ज्ञापन में निजी क्षेत्रों में आरक्षण लागू करने, सभी राज्य सरकार द्वारा पदोन्नति में आरक्षण लागू करने, ईवीएम से चुनाव कराने पर प्रतिबंध लगाने, बिजली की दरों को कम करने, अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को जीरो बैलेंस पर प्रवेश की अनुमति दिए जाने, किसानों का ब्याज सहित बकाया भुगतान करने, संविधान के साथ छेड़छाड़ का प्रयास कर आरक्षण विरोधी निर्णय पर तत्काल रोक लगाने, गरीबों के निरस्त राशन कार्डो को तत्काल पुन: बनाने तथा आपूर्ति निरीक्षक को शहर कार्यालय से हटाने की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में राधेश पप्पू, सुखवीर सिंह, हरपाल सिंह, प्रताप कुमार, दीपक बजाज, विनोद कुमार, कुंवरपाल सिंह, बिजेंद्र, कुलदीप आदि शामिल रहे। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का डीएम कार्यालय पर धरना

मुजफ्फरनगर : महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश पांडेय के आह्वान पर जिलाध्यक्ष कृष्णा प्रजापति के नेतृत्व में महिला आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने अपनी मांगों को लेकर डीएम कार्यालय पर धरना दिया। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा। धरने पर जिला संरक्षक अजब सिंह ने कहा कि सरकार चुनाव के समय कुछ कहती है और बाद में कुछ करती है। सरकार महिला आंगनबाड़ियों के अधिकारों का हनन कर रही है। अधिकारी भी आंगनबाड़ियों को धरने में आने से रोकते हैं। उनका मानसिक व आर्थिक शोषण करते हैं। जिलाध्यक्ष कृष्णा प्रजापति ने कहा कि चुनाव के समय सरकार ने 120 दिन में सम्मानजनक मानदेय देने का वादा किया था जो आज तक पूरा नहीं हो सका। 1500 रुपये मानदेय वृद्धि की घोषणा कर एक पैसा भी आज तक नहीं दिया। कोरोना महामारी के समय अतिरिक्त भत्ता देने के बजाय उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है। आंगनबाड़ियों को राशन नहीं मिल रहा है। वह बहुत परेशान हैं। कुछ क्षेत्रों में राशन पहुंचा तो बहुत कम मात्रा में पहुंचा है। क्षेत्र के लाभार्थी आंगनबाड़ियों के साथ कहासुनी हो रही है। फुलमेश शर्मा, रीतू चौधरी, उषा, बीना, मधुबाला, चंद्रकला, शशीबाला, गीता, कमलेश, सुशीला, मंजू, परवीन, कुसुम. ममता आदि ने विचार रखे। धरने में सैकड़ों आंगनबाड़ी मौजूद रहीं। अध्यक्षता सुधा त्यागी व संचालन संगीता राजपूत ने किया।

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