बुढ़ाना विधायक और अफसरों पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
पंचायत चुनाव के दौरान प्रशासकों की ओर से पंचायतों से निकाले गए करोड़ों रुपये के मामले में रालोद ने बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। इस मामले में मुकदमा दर्ज करने और सरकारी धनराशि की रिकवरी की मांग की गई है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। पंचायत चुनाव के दौरान प्रशासकों की ओर से पंचायतों से निकाले गए करोड़ों रुपये के मामले में रालोद ने बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। इस मामले में मुकदमा दर्ज करने और सरकारी धनराशि की रिकवरी की मांग की गई है।
रालोद कार्यालय पर पत्रकार वार्ता में रालोद चुनाव संयोजक समिति के सदस्य व जिले के प्रभारी कुंवर अय्यूब अली ने कहा कि पंचायत चुनाव के चलते आचार संहिता लगने के बाद और नए प्रधानों के शपथ लेने से पहले पांच माह में प्रशासकों ने ग्राम पंचायतों का खजाना खाली कर दिया। सर्वाधिक धनराशि बुढ़ाना और शाहपुर ब्लाक की ग्राम पंचायतों से निकाली गई। इस धनराशि से विकास कार्य नाममात्र को कराए गए। चुनिंदा फर्म को सभी प्रकार के कार्याें के लिए अधिकृत कर दिया गया। आरोप लगाया कि बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक की सरपरस्ती में और अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी धन की बंदरबांट की गई। दोनों ब्लाक में 13 करोड़ रुपये से सैनिटाइजर, मास्क वितरण, हैंडपंप रिबोर व आरओ लगाने के नाम पर निकाल लिए गए।
रालोद के प्रदेश संगठन मंत्री डा. राजकुमार सांगवान ने कहा कि इस मामले में प्रदेश के एक मंत्री का भी हाथ है। स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) गठित कर जांच होनी चाहिए। प्रकरण में तत्काल मुकदमा दर्ज होना चाहिए। दोषी पाए जाने पर संबंधित से रिकवरी होनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो रालोद सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा। इस दौरान जिलाध्यक्ष प्रभात तोमर, पूर्व मंत्री धर्मवीर बालियान, उधम सिंह, सुधीर भारतीय आदि मौजूद रहे।
मामले की जांच होनी चाहिए: उमेश मलिक
बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक का कहना है कि इस मामले से उनका कोई लेनादेना नहीं है। प्रशासकों ने जो किया, उसकी निष्पक्ष जांच हो, यह वह भी चाहते हैं। उच्चाधिकारियों से इस बारे में कहा गया है। विकास कार्य हुए हैं तो ठीक और नहीं हुए तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।