बिना सैंपल दिए रिपोर्ट पाजिटिव, होम आइसोलेट को चेताया
व्यवस्था का इससे बड़ा मजाक नहीं हो सकता है। एक युवक की बिना सैंपल लिए ही रिपोर्ट पाजिटिव दिखा दी। ताज्जुब यह है कि रिपोर्ट तीन मई को पोर्टल पर अंकित हो गई लेकिन युवक को एक सप्ताह बाद फोन पर होम आइसोलेट के लिए चेताया गया है। मामले को लेकर पीड़ित ने डीएम और कंट्रोल रूम पर शिकायत दर्ज कराई गई है। वहीं स्वास्थ्य विभाग में इस मामले से खलबली मची हुई है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। व्यवस्था का इससे बड़ा मजाक नहीं हो सकता है। एक युवक की बिना सैंपल लिए ही रिपोर्ट पाजिटिव दिखा दी। ताज्जुब यह है कि रिपोर्ट तीन मई को पोर्टल पर अंकित हो गई, लेकिन युवक को एक सप्ताह बाद फोन पर होम आइसोलेट के लिए चेताया गया है। मामले को लेकर पीड़ित ने डीएम और कंट्रोल रूम पर शिकायत दर्ज कराई गई है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग में इस मामले से खलबली मची हुई है।
प्रशासन ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए कोविड रिपोर्ट अनिवार्य की थी, जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया। इससे पूर्व प्रत्याशी एवं समर्थकों ने अपने सैंपल देकर रिपोर्ट प्राप्त की है। खतौली ग्रामीण गांव का युवक जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में मतगणना के लिए एजेंट बनने के लिए जानसठ सीएचसी पर सैंपल देने गया था। सीएचसी पर उसका सैंपल नहीं लिया जा सका। इसके बाद वह घर लौट आया। तीन मई को उसकी मेरठ एलएलआरएम कालेज से रिपोर्ट पाजिटिव दिखा दी। मामले की युवक ने डीएम और कंट्रोल रूम पर शिकायत दर्ज कराई। युवक का कहना है कि सोमवार देर शाम उसके मोबाइल नंबर पर स्वास्थ्य विभाग से फोन आया। उसको पाजिटिव बताते हुए होम आइसोलेट किए जाने के निर्देश दिए गए। स्वास्थ्य विभाग के इस रवैये से उसके परिवार में दहशत बैठ गई। साथ ही मोहल्ले में भी अफरातफरी मची है। क्योंकि युवक इस अवधि में कई लोगों से मिल चुका है। पीड़ित ने फिर से शिकायत दर्ज कराई है। इनका कहना है..
बिना सैंपल दिए परिणाम नहीं आ सकता है। सैंपल आइडी के साथ नाम, पता अंकित कर लैब भेजा जाता है। यदि युवक का दावा सही कि सैंपल नहीं दिया है तो फिर से कोविड जांच बूथ पर टेस्ट करा सकता है। इससे पूरे मामले की तस्वीर साफ हो जाएगी।
-डा. पुष्पेंद्र कुमार, चिकित्सा प्रभारी, सीएचसी खतौली।