रिश्तेदारों ने अपनाएं अनाथ बाल गोपाल, सरकार से मिलने लगी राहत
मुजफ्फरनगर जेएनएन। कोरोना से माता-पिता को खोने वाले अनाथ बच्चों की देखरेख के लिए सरकार ने
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। कोरोना से माता-पिता को खोने वाले अनाथ बच्चों की देखरेख के लिए सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए है। जिले में चिन्हित हुए छह अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत तमाम योजनाओं में उन्हें शामिल करने की योजना बनी है, लेकिन सभी अनाथ बच्चों को छत देने के लिए उनके नाना-नानी के साथ ताऊ-चाचा ने हाथ आगे बढ़ाकर अपने पास रख लिया है। हालाकि की जिले में आदर्श बाल शिशु गृह में भी प्रशासन ने अनाथ बच्चों को रखने के लिए पर्याप्त स्थान सुनिश्चित किया है।
कोरोना काल में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है, जिसमे महिलाओं के साथ कामकाजी पुरूषों की जान गई है। जनपद के जिला प्रोबेशन विभाग द्वारा चिन्हित किए गए ऐसे परिवार अभी तक 84 हैं। इन परिवारों में 71 पिता और 10 माताओं की मौत हुई है। वहीं तीन परिवार ऐसे हैं, जिसमें माता और पिता दोनों की ही मौत होने से छह बच्चें अनाथ हुए हैं। चार बच्चें तो एक ही परिवार के हैं। इन चारों बच्चों को उनके नाना-नानी ने पास रख लिया हैं। अन्य दो बच्चों को ताऊ और चाचा ने अपने साथ रखा है। इन्हें मिलाकर कुल 160 बच्चें चिन्हित हुए है, जिन्होंने अपने माता-पिता या फिर दोनों खोए हैं। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि इन बच्चों और परिवार को उन सभी योजनाओं को लाभ दिया जाने लगा है, जो गरीबी रेखा से नीचे आने के साथ अन्य सरकारी योजनाओं के पात्र होंगे।
---
25 बच्चों की क्षमता वाला बाल शिशु गृह खाली
जिले में गांधी कालोनी स्थित आदर्श बाल शिशु गृह है, जिसमें कोरोना से पहले एक बच्चा रहता था, लेकिन कोरोना के कारण उसे उसके परिवार में मेरठ भेजा गया था। अनाथ बच्चों की पहचान के साथ गांधी कोलोनी स्थित आदर्श बाल शिशु गृह को भी तैयार किया गया है, जिसमें 25 बच्चों को रखने की क्षमता है। प्रशासन अपने स्तर पर अनाथ बच्चों को बाल शिशु गृह में रखने के लिए भी तैयारी है, लेकिन रिश्तेदारों ने बच्चों को अपनी आंखों के सामने रखकर इंसानियत दिखाई है।