कोरोना के साये में सजी भाइयों की कलाई पर राखियां

भाई-बहनों के प्यार का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन इस बार कोरोना के साये में मनाया गया। पुलिस और प्रशासन की अधिक सख्ती न होने के बाद भी लोगों ने परिवार की सुरक्षा के को स्वयं ही ध्यान में रख सावधानी बरती।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 11:43 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 11:43 PM (IST)
कोरोना के साये में सजी भाइयों की कलाई पर राखियां
कोरोना के साये में सजी भाइयों की कलाई पर राखियां

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। भाई-बहनों के प्यार का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन इस बार कोरोना के साये में मनाया गया। पुलिस और प्रशासन की अधिक सख्ती न होने के बाद भी लोगों ने परिवार की सुरक्षा के को स्वयं ही ध्यान में रख सावधानी बरती। भाइयों ने बहनों से तिलक कराकर राखियां बंधवाई। विवाहिता बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने उनके घर पहुंची। बाजार की मिठाइयों से दूरी बनाकर अधिकतर बहनों ने घर की बनी मिठाई से ही त्योहार की मिठास बढ़ाई।

रक्षाबंधन के पर्व से एक दिन पहले ही बसों एवं ट्रेनों में बड़ी संख्या भीड़ दिखाई देने लगती थी। इस बार परिवहन निगम की बसों में बहनों के लिए फ्री सफर की घोषणा के बाद भी उतनी भीड़ नहीं दिखी। मसलन बहनें भाइयों को तिलक करने और रक्षासूत्र बांधने भाइयों के घर तो पहुंचीं, लेकिन कोरोना के डर के चलते उन्होंने निजी वाहनों का बड़ी मात्रा में प्रयोग किया। राखी का शुभ मुहूर्त सुबह नौ बजे से होने के चलते घरों में पूजापाठ कर रक्षाबंधन पर्व मनाया गया। बहनों ने भाइयों को चंदन व अक्षत का तिलक लगाकर उनके माथे पर चावल लगाकर भाइयों की दीर्घायु की कामना की गई। इसकी के साथ भाई को मिठाई खिलाकर रक्षासूत्र बांधा गया। भाइयों ने अपनी बहनों को स्नेहपूर्वक आकर्षक गिफ्ट देकर हमेशा साथ रहने का वचन दिया। दिल्ली, रुड़की, हरिद्वार, शामली आदि स्थानों से मुजफ्फरनगर में अपने भाइयों के घर पहुंची बहनों ने बताया कि वह अपने बच्चों के साथ सुरक्षित तरीके से निजी वाहनों से आई हैं। पहले बसों और ट्रेनों से भी आया करते थे, लेकिन इस बार घर वालों ने भी बसों में बैठने से मना किया। रास्तों में प्रदेश के बोर्डर पर भी पुलिस बल तैनात मिला।

गायब रही बाजार की मिठाइयां

प्रशासन की अनुमति के बाद लॉकडाउन में राखी और मिठाइयों की दुकानें खोली गई, लेकिन कोरोना काल में बहनों और भाइयों ने घर में बनी मिठाइयों पर अधिक भरोसा जताया। राखी के थाल में बाजार की रंगीन मिठाइयों की जगह इस बार घरों में तैयार हुई शुद्ध मिठाइयों ने ली। उधर, माहौल को भांपते हुए मिठाई विक्रेताओं ने भी कम ही मिठाइयां तैयार की।

chat bot
आपका साथी