लाकडाउन के बादलों में हुई रीना के ज्ञान की वर्षा

लाकडाउन में छाए संकट के बादलों के बीच डायट प्रवक्ता रीना रानी के अपने ज्ञान की मूसलधार वर्षा से छात्रों व समाज को जोड़ने का काम किया। शिक्षण संस्थान बंद होने के बाद भी उनका बच्चों को ज्ञान बांटने का उत्साह कम नहीं हुआ। केवल डायट के छात्र-छात्राओं तक ही रीना का ज्ञान सीमित नहीं रहा। उन्होंने समय का सदुपयोग कर रीना मैम के नाम से यू-ट्यूब चैनल बनाकर कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता की हवा चलाने पर काम किया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 12:00 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 12:00 AM (IST)
लाकडाउन के बादलों में हुई रीना के ज्ञान की वर्षा
लाकडाउन के बादलों में हुई रीना के ज्ञान की वर्षा

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। लाकडाउन में छाए संकट के बादलों के बीच डायट प्रवक्ता रीना रानी के अपने ज्ञान की मूसलधार वर्षा से छात्रों व समाज को जोड़ने का काम किया। शिक्षण संस्थान बंद होने के बाद भी उनका बच्चों को ज्ञान बांटने का उत्साह कम नहीं हुआ। केवल डायट के छात्र-छात्राओं तक ही रीना का ज्ञान सीमित नहीं रहा। उन्होंने समय का सदुपयोग कर रीना मैम के नाम से यू-ट्यूब चैनल बनाकर कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता की हवा चलाने पर काम किया।

कोरोना में फ्रंटलाइन वर्कर को छोड़कर सभी संक्रमण से बचाव के लिए घरों में महीनों तक कैद रहे। वहीं कुछ लोग ऐसे ही रहे, जिन्होंने समय की महत्ता को समझते हुए आनलाइन ही लोगों से जुड़कर न केवल अपनी नौकरियों से जुड़ा काम पूरा किया, बल्कि समाज में जागरूक नागरिक होने का भी अहसास कराया। ऐसे लोगों में महिलाओं ने भी अपनी अहमियत कम न कर खुद को आगे रखा। इन्हीं में शामिल मुजफ्फरनगर डायट की प्रवक्ता रीना रानी हैं, जिन्होंने लाकडाउन में यू-ट्यूब पर रीना मैम नाम से चैनल बनाकर कोरोना से बचाव, जागरूकता, लाकडाउन में समय का सदुपयोग करना आदि सकारात्मक कार्यो के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने का काम किया। रीना रानी बताती हैं कि लाकडाउन में उन्होंने गूगल मीट और वाट्सएप के माध्यम से छात्र-छात्राओं को जोड़कर रखा। इस दौरान बच्चों को टीजीटी, पीजीटी और सुपरटेट की तैयारी भी कराई गई। उन्होंने बताया कि परीक्षाओं की तैयारी कैसे करें? इस दौरान मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत छात्राओं को महिला सुरक्षा कानून, पोक्सो एक्ट सहित विभिन्न कानून के प्रति जागरूक किया। विभिन्न प्रतियोगिताएं कराकर छात्रों को शिक्षा से जोड़कर रखा। उन्होंने घर से ही डीएलइडी के प्रशिक्षुओं की 2018-19 बैच की कक्षाओं को शुरू किया। अब कोरोना के दूसरे चरण में वह फिर से आनलाइन ज्ञान काप्रकाश फैलाने में जुट गई हैं।

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