रागी जत्थों ने मधुर गुरुवाणी गायन से किया निहाल
खतौली में गुरु गोविद सिंह का प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया गया। गुरुद्वारों में कीर्तन दरबार सजाए गए जिसमें रागी जत्थों ने मधुर गुरुवाणी का गायन कर संगत को निहाल किया।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। खतौली में गुरु गोविद सिंह का प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया गया। गुरुद्वारों में कीर्तन दरबार सजाए गए, जिसमें रागी जत्थों ने मधुर गुरुवाणी का गायन कर संगत को निहाल किया।
गुरु गोविद सिंह के प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में पांच दिन तक प्रभात फेरी निकाली गई, जिसमें कीर्तन जत्थे ने श्री गुरु साहिब की महिमा का गुणगान किया। बुधवार को गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में आयोजित कीर्तन दरबार में ज्ञानी हरभजन सिंह ने गुरुवाणी का गायन किया। गुरु गोविद सिंह के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि गुरु गोविद सिंह सिखों के दशम् गुरु थे, जिन्होंने 1699 में बैशाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी। गुरु गोविद सिंह महान शूरवीर, तपस्वी और ब्रह्मज्ञानी व सरबंस दानी के रूप में जाने जाते हैं। गुरकीरत कौर ने कविता पाठ में गुरु गोविद सिंह का गुणगान किया। कीर्तन के बाद गुरु का अटूट लंगर बरताया गया। सतपाल सिंह, जसवीर सिंह, गुरमीत सिंह, हरबंस सलूजा, गुरिदर सिंह, जोगिदर सिंह व मनजीत सिंह का सहयोग रहा। अखंड पाठ साहिब व लंगर की सेवा गुरुद्वारा के प्रधान सरदार लखबीर सिंह व सुखदेव सिंह गिल परिवार ने की। उधर, बिद्दीबाड़ा बाजार सिंह गुरुद्वारा राममूर्ति में ज्ञानी सोहन सिंह ने गुरुवाणी का गायन किया। गुरु गोविद सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला। सरदार विरेंदर सिंह मान ने सेवा की।
गुरु गोविंद सिंहजी का प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। मीरापुर कस्बे में सिखों के दसवें गुरु गोविन्द सिंहजी का प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया गया। गुरुद्वारा में गुरबानी, शबद-कीर्तन से संगत को निहाल किया गया।
पड़ाव चौक स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व के अवसर पर सिख समाज के सैकड़ों पुरुष-महिलाएं व बच्चे गुरुद्वारा में एकत्र हुए। यहां पर दीवान सजाया गया। इसके बाद संगत ने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष माथा टेका। ज्ञानी रणजीत सिंह ने शबद-कीर्तन से संगत को निहाल करते हुए गुरु गोविंद सिंहजी के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब के आगे शर्बत के भला को मारगो, साथ ही उन्होंने कहा 'साहिब-ए-कमाल दशमेश पिता श्री गुरु गोविंद सिंहजी महाराज।' इसके बाद संगत को खंडे की पाहल की महत्ता के बारे में बताया। बाद में गुरु का अटूट लंगर बरता, जिसमें सर्वसमाज के लोगो ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान सरदार अमरजीत सिंह, सरदार सतनाम सिंह, हरीश नारंग, संजीव मेहता, बलजीत सिंह, कुलदीप कौर, प्रीतम कौर व बचन कौर आदि शामिल रहे।