हाईस्कूल में स्कूल टापर इंटरमीडिएट में प्रमोट

इंटरमीडिएट में रिजल्ट को लेकर आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। जानसठ कस्बे में गोमती कन्या इंटर कालेज में हाईस्कूल की टापर को इंटर में प्रमोट कर दिया गया। छात्रा का कसूर इतना था कि हल्का बुखार होने के कारण एक प्री-बोर्ड का पेपर नहीं दे पाई थी। क्योंकि कोविड के कारण बुखार होने पर स्कूल प्रबंधन ने पेपर न देने के लिए मना किया था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 12:35 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 12:35 AM (IST)
हाईस्कूल में स्कूल टापर इंटरमीडिएट में प्रमोट
हाईस्कूल में स्कूल टापर इंटरमीडिएट में प्रमोट

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। इंटरमीडिएट में रिजल्ट को लेकर आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। जानसठ कस्बे में गोमती कन्या इंटर कालेज में हाईस्कूल की टापर को इंटर में प्रमोट कर दिया गया। छात्रा का कसूर इतना था कि हल्का बुखार होने के कारण एक प्री-बोर्ड का पेपर नहीं दे पाई थी। क्योंकि कोविड के कारण बुखार होने पर स्कूल प्रबंधन ने पेपर न देने के लिए मना किया था।

यूपी बोर्ड में इंटरमीडिएट के परीक्षाफल को लेकर छात्रों का आक्रोश नहीं रुक रहा है। प्रमोट किए गए बच्चों की अंकतालिका न देने के बोर्ड के फरमान से कई मेधावी बच्चों का भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है। मंगलवार को गोमती कन्या इंटर कालेज की बहुत सी छात्राएं एसडीएम कार्यालय पहुंची और उन्हें अपनी व्यथा सुनाई। उन्हें दिए प्रार्थना-पत्र में बच्चों ने बताया कि वह बुखार के कारण प्री-बोर्ड की एक परीक्षा नहीं दे पाए थे। क्योंकि स्कूल प्रबंधन ने उन्हें बुखार में परीक्षा न देने का फरमान दे रखा था। केवल एक पेपर की न देने के कारण उनका रिजल्ट प्रमोट का आया है, जिससे उन्हें अच्छे स्कूल में एडमिशन मिलने के अवसर न के बराबर है। एक छात्रा ने अपना नाम आकांशा बताते हुए बताया कि वह हाईस्कूल में कालेज टापर रही। कक्षा 11 में भी वह स्कूल में टापर रही, लेकिन प्री बोर्ड के एक पेपर न देने के कारण उसे प्रमोट कर दिया गया। उसने बताया कि उसे हल्का बुखार होने के कारण वह पेपर नहीं दे पाई क्योंकि आदेश थे कि यदि किसी को हल्का बुखार भी है तो वह कोविड के कारण पेपर देने के लिए न आए। उसने बताया कि उन्होंने कालेज में जाकर स्थिति के बारे में बताया तो कालेज के कर्मचारियों ने कह दिया कि एक पेपर देने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। गोमती कन्या इंटर कालेज की प्रधानाचार्य ज्योति बाला ने बताया कि उन्हें भी नहीं मालूम था कि केवल प्री-बोर्ड की परीक्षा ही रिजल्ट का आधार बनेगी। उन्होंने केवल ईमानदारी दिखाते हुए अंक नहीं भेज थे। वह प्रयास करेगी कि इन बच्चों के रिजल्ट में संशोधन हो सके। अभिभावकों ने किया प्रधानाचार्य का घेराव

गोमती कन्या इंटर कालेज में आक्रोशित छात्रों के स्वजन ने प्रधानाचार्य का घेराव कर आक्रोश जताया है। कि यदि वह चाहती तो दोबारा प्री-बोर्ड की परीक्षा ले सकती थीं, लेकिन उन्होंने रिजल्ट को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जिस कारण से उनके बच्चों को अच्छे स्कूल में दाखिला नहीं मिल सकेगा। अब या तो बच्चे अगले साल दोबारा परीक्षा देकर एक साल बर्बाद करेगें या फिर से आगे की पढ़ाई के लिए धक्के खाते रहेंगे।

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