मौत की चिट्ठी को लेकर पुलिस ने की पूछताछ

शाहपुर थाना क्षेत्र के दुल्हेरा गांव में दो दोस्तों की मौत के बाद हुए राजफाश को लेकर आई चिट्ठियों ने दोनों युवकों की मौत पर सवाल खड़े करते हुए शांत पड़ते जा रहे मामले में हलचल मचा दी है। पुलिस ने चिट्ठी को लेकर उसमें लिखे नाम के आधार पर युवकों से पूछताछ की।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 11:55 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 11:55 PM (IST)
मौत की चिट्ठी को लेकर पुलिस ने की पूछताछ
मौत की चिट्ठी को लेकर पुलिस ने की पूछताछ

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। शाहपुर थाना क्षेत्र के दुल्हेरा गांव में दो दोस्तों की मौत के बाद हुए राजफाश को लेकर आई चिट्ठियों ने दोनों युवकों की मौत पर सवाल खड़े करते हुए शांत पड़ते जा रहे मामले में हलचल मचा दी है। पुलिस ने चिट्ठी को लेकर उसमें लिखे नाम के आधार पर युवकों से पूछताछ की।

शाहपुर के दुल्हेरा गांव निवासी आइटीआइ के छात्रों व दो दोस्तों दीपक व पारस की मौत के मामले में जहां पुलिस मौत का राजफाश कर चुकी है। वहीं मृतकों के घर आई चिट्ठी ने युवकों की मौत को लेकर फिर से मामले में नया मोड़ ला दिया है। दैनिक जागरण में चिट्ठी से संबंधित समाचार प्रकाशित होने पर उसमें लिखे मंसूरपुर थाना क्षेत्र के अजमतगढ़ गांव निवासी जयकिरण पुत्र प्रदम सिंह व कुलदीप पुत्र सहदेव सैनी नाम के युवकों को शाहपुर थाने लाकर पुलिस ने उनसे पूछताछ की। पुलिस ने चिट्ठी डालने वाले व चिट्ठी के मकसद का पता करने के लिए टीम का गठन किया है। थाना प्रभारी अभिषेक सिरोही ने बताया कि मंसूरपुर क्षेत्र अजमतगढ़ निवासी दो युवकों से पूछताछ की गई है, लेकिन दोनों युवकों का इस मामले में प्रथम दृष्टया को संलिप्तता सामने नहीं आयी है। युवकों ने बताया कि उनकी अपने गांव में ही चुनावी रंजिश चल रही है। गांव की रंजिश से ही चिट्ठई का संबंध दिखाई दे रहा है।

एक ही स्थान से एक ही समय रजिस्टर्ड हुई दोनों चिट्ठियां शाहपुर : दोनों चिट्ठई एक ही समय में 16 अक्टूबर को 10 बजकर 37 मिनट पर रजिस्टर्ड होकर मु•ाफ्फरनगर कचहरी डाकघर के काउंटर नंबर एक से भेजी हुई है। दोनों चिट्ठियों के लिफाफों पर दीपक व पारस का अलग-अलग पता है, जबकि अंदर लिखा हुआ संदेश एक समान है। दोनों मृतकों के घर चिट्ठी 21 अक्टूबर को पंहुचना बताया जा रहा है, लेकिन स्वजन चिट्ठी मिलने के बाद कार्यवाही हेतु थाने नहीं पहुंचे थे। केवल मृतक दीपक के घर आई चिट्ठी वायरल हुई थी। रविवार को हुई पूछताछ के बाद पारस के घर भी ऐसी ही चिट्ठी आने का पता चला। मृतक दीपक का मोबाइल व तमंचा नहीं हुआ बरामद

दोनों दोस्तों की मौत के 10 दिन बीत जाने व राजफाश होने के एक सप्ताह बाद भी मृतक दीपक का मोबाइल फोन व तमंचा, जिससे दीपक ने पहले दोस्त पारस को गोली मारी व बाद में खुद गोली मारी, बरामद नहीं हो सका, जिसके लिए पुलिस काफी प्रयास कर चुकी है। अगर राजफाश ठीक है तो तमंचा व मोबाइल कहां चले गए। अगर कोई मौके से उठा कर ल गया तो उसके पीछे क्या राज है।

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