गंगा किनारे बाग लगाओ, प्रोत्साहन राशि पाओ

औद्यानिक विकास मिशन 2020-21 के अंतर्गत नमामि गंगे योजना के तहत गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में नवीन उद्यान रोपण करने वाले तथा नर्सरी स्थापना करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि के रूप में हर माह तीन हजार रुपये की राशि मिलेगी। यह धनराशि तीन साल तक उपलब्ध होगी जो किसानों के बैंक खाते में हर माह पहुंचेगी। इंटरक्रापिग फसल लेने तथा प्रोत्साहन राशि मिलने से किसान की आय में बढ़ोतरी होगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 10:38 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 10:38 PM (IST)
गंगा किनारे बाग लगाओ, प्रोत्साहन राशि पाओ
गंगा किनारे बाग लगाओ, प्रोत्साहन राशि पाओ

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। औद्यानिक विकास मिशन 2020-21 के अंतर्गत नमामि गंगे योजना के तहत गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में नवीन उद्यान रोपण करने वाले तथा नर्सरी स्थापना करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि के रूप में हर माह तीन हजार रुपये की राशि मिलेगी। यह धनराशि तीन साल तक उपलब्ध होगी, जो किसानों के बैंक खाते में हर माह पहुंचेगी। इंटरक्रापिग फसल लेने तथा प्रोत्साहन राशि मिलने से किसान की आय में बढ़ोतरी होगी।

गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में औद्यानिक विकास योजना के क्रियान्वयन के लिए जिले को नवीन उद्यान रोपण हेतु 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल का लक्ष्य दिया गया है। इसके लिए किसानों को आम, अमरूद, आंवला, बेर, बेल, अनार, शरीफा एवं कागजी नींबू के नए बागों का रोपण करना होगा। नए बाग रोपण के साथ ही किसान इंटरक्रापिग के लिए सब्जी, मसाला, पुष्प आदि फसलें खेत में उगा सकता है, इसके लिए कोई रोक नहीं है। जिला उद्यान अधिकारी सुरेंद्र पाल मान को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है। बाग के लिए चयनित किसानों को उद्यान विभाग समय-समय पर तकनीकी जानकारी भी उपलब्ध कराएगा। नवीन बाग रोपण के लिए पौधों की व्यवस्था, सिचाई की व्यवस्था, बाग के रखरखाव का कार्य किसान को स्वयं करना होगा। इंटरक्रापिग फसल के लिए बीजों की व्यवस्था भी किसान को स्वयं करनी होगी। लाभार्थी के बाग का प्रत्येक तीन माह में भौतिक सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद तीन हजार रुपये प्रतिमाह प्रति हेक्टेयर की दर से तीन साल तक किसान को प्रोत्साहन राशि के रूप में उसके बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे। बाग के अलावा किसान छोटी नर्सरी की भी स्थापना कर सकता है। नर्सरी के लिए किसान को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। एक हेक्टेयर क्षेत्रफल की नर्सरी स्थापना की कुल लागत डेढ़ लाख रुपये आंकी गई है। इस पर किसान को अधिकतम अनुदान 75 हजार रुपये मिल सकेगा। जिला उद्यान अधिकारी सुरेंद्र पाल मान का कहना है कि जिन किसानों को गंगा के किनारे बाग रोपण या पौधशाला स्थापना का कार्य करना है, उनकी तीन साल तक प्रतिमाह तीन हजार रुपये की आमदनी होगी। साथ ही इंटरक्रापिग फसल लेने के किसान की आय में बढ़ोतरी होगी। गंगा तटवर्ती क्षेत्र के ऐसे किसान जो इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, वह किसी भी कार्य दिवस में उनके कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

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