शिया समुदाय के लोगों ने मोहर्रम मनाने की अनुमति को दिया ज्ञापन

जानसठ कस्बे के शिया समुदाय के लोगों ने मोहर्रम के दौरान मजलिस करने व मोहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति देने के लिए मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम जानसठ जयेंद्र कुमार को दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 12:02 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 12:02 AM (IST)
शिया समुदाय के लोगों ने मोहर्रम मनाने की अनुमति को दिया ज्ञापन
शिया समुदाय के लोगों ने मोहर्रम मनाने की अनुमति को दिया ज्ञापन

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। जानसठ कस्बे के शिया समुदाय के लोगों ने मोहर्रम के दौरान मजलिस करने व मोहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति देने के लिए मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम जानसठ जयेंद्र कुमार को दिया है।

लोगों ने ज्ञापन में बताया कि शिया समुदाय का यह पवित्र त्यौहार है और इसे मनाने के लिए गाइडलाइन जारी करते हुए प्रशासन अनुमति दे। इस वर्ष 10 से 19 अगस्त तक मोहर्रम का आयोजन किया जाना है। इस दौरान शिया समुदाय के लोग इमामबाड़ों में मजलिस करते हैं और असरे के दिन जुलूस निकालकर ताजिए दफन करते है। एसडीएम ने ज्ञापन यथास्थान भेजने का आश्वासन दिया है। शिया धर्मगुरु मौलाना अमीर हैदर सुलतानपुरी के साथ अब्बास अली खां, दानिश खां, अली हैदर, आरिफ हुसैन, आशु मलिक व कौसर मिया आदि प्रमुख रहे।

दूसरे दिन भी जारी रही एंबुलेंस चालकों की हड़ताल

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस का कांट्रैक्ट नई कंपनी को दिये जाने के बाद उन पर तैनात कर्मचारियों को समायोजित करने की मांग स्वीकार कर लिये जाने के बावजूद एंबुलेंस चालकों का कार्य बहिष्कार दूसरे दिन भी जारी रहा। कार्य बहिष्कार से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आकस्मिक स्थिति में एंबुलेंस सेवा मुहैया कराई जा रही है।

कुछ दिन पूर्व एएलएस एंबुलेंस का कांट्रैक्ट सरकार ने जीवीके कंपनी से लेकर नई कंपनी को दे दिया था, जिसके बाद जीवन दायिनी स्वास्थ्य विभाग एंबुलेंस कर्मचारी संघ ने मांग की थी कि एएलएस एंबुलेंस से हटे कर्मचारियों को ही समायोजित किया जाए। मांग न माने पर संघ ने हड़ताल की चेतावनी दी थी। पूर्व घोषणा के अनुसार रविवार रात 12 बजे से संघ ने कार्य बहिष्कार कर जिले में हड़ताल कर दी। संघ अध्यक्ष अमरेष कुमार ने बताया कि एएलएस एंबुलेंस कर्मचारियों को समायोजित करने की मांग कंपनी ने मान ली है, लेकिन उनके संघ के कई बड़े पदाधिकारियों को कार्यमुक्त कर दिया गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। संघ कर्मचारियों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहा है, लेकिन सरकार दबाव बनाने के लिए ऐसा कर रही है। उन्होंने कहा कि एक मांग को छोड़कर एंबुलेंस कर्मचारियों की अन्य मांगें नहीं मानी गई, इसलिए कार्य बहिष्कार जारी है।

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