शवों के सामने कम पड़ रहीं श्मशान घाट की चौकियां

कोरोना महामारी के बीच श्मशान घाट पर शवों को जलाने के लिए पर्याप्त जगह तक नसीब नहीं हो रही है। विपरित परिस्थियों में किसी श्मशान घाट पर चौकियों पर चिता जलाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है तो कही समय के आभाव में जमीन पर रखकर ही चिताएं जल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 11:43 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 11:43 PM (IST)
शवों के सामने कम पड़ रहीं श्मशान घाट की चौकियां
शवों के सामने कम पड़ रहीं श्मशान घाट की चौकियां

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। कोरोना महामारी के बीच श्मशान घाट पर शवों को जलाने के लिए पर्याप्त जगह तक नसीब नहीं हो रही है। विपरित परिस्थियों में किसी श्मशान घाट पर चौकियों पर चिता जलाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है तो कही समय के आभाव में जमीन पर रखकर ही चिताएं जल रही है। इस मुसीबत की घटी में श्मशान घाट समितियों के पदाधिकारियों का सहयोग भी मृतकों के स्वजनों में हिम्मत बांध रहा है।

कोविड मरीज घोषित होते ही अपने बीमार मरीज को लेकर घूम रहा परिवार का एक सदस्य ही अंत तक अपने मरीज को हौंसला देकर स्वस्थ करने की कोशिश में लगा है। इतना सब करने के बाद भी अधिकतर मरीजों की जिदगी पर कोरोना का संक्रमण भारी पड़ रहा है। श्मशान घाटों पर सुबह से शाम तक धधक रही चिताएं जनपद में बढ़ती मौत के आंकड़ों की गवाही दे रही है। अस्पताल में मौत होने पर तीमारदार अपने मरीज को लेकर एंबुलेंस से श्मशान घाट पहुंच रहे हैं। वहां पहुंचकर भी उन्हें तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कंधा देने वाले चार आदमियों के अतिरिक्त अन्य कोई रिश्तेदार पास न आने के चलते श्मशान घाट कर्मचारियों की मदद से ही चिताएं लगाने से लेकर अन्य प्रक्रियां पूरी हो पा रही है। आलम यह है कि एक दिन में बढ़ते मौत के आंकड़ों से श्मशान में चिताएं जलाने के लिए बनी चौकियां तक कम पड़ गई है। सबसे अधिक समस्या नई मंडी श्मशान घाट पर आ रही है। वहां चौकियां कम पड़ने पर चिताएं जमीन पर भी जलाने की नौबत हैं। शुक्रवार को नई मंडी श्मशान घाट पर 15 से अधिक शव पहुंचे। वहीं शहर श्मशान घाट पर आठ चिताएं जलाई गई है।

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बढ़ते शव को देखकर बनी अतिरिक्त चौकियां

नई मंडी श्मशान घाट के पदाधिकारी संयज मित्तल ने बताया कि उनके श्मशान घाट पर 14 शवों को एक साथ जलाने के लिए 14 चौकियां बनी हुई थी, लेकिन वर्तमान के हालातों में यह कम पड़ गई। हाल ही में पांच चौकियां अतिरिक्त बनाई गई। 19 चौकियां भी कोविड काल में बढ़ी मौत के सामने कम पड़ रही है। जमीन पर रखकर चिताएं जलवानी पड़ रही है।

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शहर श्मशान में पहुंचे तीन महिलाओं के शव

शहर श्मशान घाट पर शुक्रवार को दिनभर में आठ चिताएं फूंकी गई, जिसमें तीन महिलाएं ऐसी थी, जिसकी कोविड से मौत हुई है। कृष्णापुरी निवासी महिला 38 वर्ष, पंचमुखी निवाीस महिला की उम्र 78 वर्ष और साकेत निवासी महिला की उम्र 45 वर्ष थी। स्वजनों के साथ घाट के कर्मचारियों ने मिलकर अंतिम संस्कार प्रक्रिया पूर्ण कराई।

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