सांपों से नहीं लगता पवन को खौफ

इसे दैवीय शक्ति कहें या फिर कुछ और लेकिन जानसठ का एक व्यक्ति किसी भी जहरीले सांप को पलभर में पकड़ लेता है। बचपन से आज तक वह आसपास के प्रदेशों में जाकर हजारों सांप पकड़ चुका है। इसके लिए वह कोई पैसा नहीं लेता कोई भी जो कुछ देता है वह रख लेता। पवन ने जीवन में कभी पैरों में चप्पल तक नहीं पहनी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 12:02 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 12:02 AM (IST)
सांपों से नहीं लगता पवन को खौफ
सांपों से नहीं लगता पवन को खौफ

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। इसे दैवीय शक्ति कहें या फिर कुछ और, लेकिन जानसठ का एक व्यक्ति किसी भी जहरीले सांप को पलभर में पकड़ लेता है। बचपन से आज तक वह आसपास के प्रदेशों में जाकर हजारों सांप पकड़ चुका है। इसके लिए वह कोई पैसा नहीं लेता, कोई भी जो कुछ देता है वह रख लेता। पवन ने जीवन में कभी पैरों में चप्पल तक नहीं पहनी है।

कस्बे के हुसैनपुरा मोहल्ले में रहने वाला पवन वाल्मीकि ऐसा व्यक्ति है कि उससे खतरनाक से खतरनाक सांप भी पानी मांगता है। वह सांप पकड़ने में बेहद माहिर है। पवन का कहना है कि उसके शरीर का कोई अंग ऐसा नहीं है जहां पर सांप ने काट न रखा हो, लेकिन किसी दैवीय शक्ति के कारण आज तक उसे कोई जहर नहीं चढ़ पाया है। पवन ने बताया कि बचपन से ही वह सांप पकड़ने का शौक रखता है। करीब दस साल की उम्र में उसने एक सांप पकड़ा था उसके बाद उसने कभी मुड़कर नहीं देखा। अब तक वह हजारों सांप पकड़ चुका है। वह कस्बे समेत आसपास के जिले ही नहीं वरन आसपास के प्रदेशों में सांप को पकड़ने के लिए जाता है। उसने बताया कि उसने सांप पकडने का हुनर खतौली क्षेत्र के गांव सराय निवासी एक व्यक्ति से सीखा था। उसने इससे सीखने के लिए कई साल तक उसके पास ही रहा था

बचपन से नहीं पहनी पैरों में चप्पल

पवन को कस्बे में आजतक किसी ने चप्पल पहने नहीं देखा है। सर्दी गर्मी या फिर बरसात वह केवल नंगे पैर ही रहता है। उसने बताया कि उसे चप्पल पहनी नहीं जाती है। जूते व अन्य सामान तो दूर की बात है। वह किसी रिश्तेदारी या फिर शादी समारोह में भी जाता है तो नंगे पैर ही रहता है। उसने बताया कि उसे याद नहीं कि उसने कभी चप्पल भी पहनी हो। अपनी उम्र के पचास साल पूरे करने के कगार पर पहुंचने के बाद भी उसने सांप पकड़ना नहीं छोड़ा है। नहीं लेता किसी से कोई फीस

वह सांप को पकड़ने के लिए किसी से कोई पैसा नहीं लेता है। जो खुश होकर दे देता है वहीं रख लेता है। वह अपनी जीविका कचहरी में साफ-सफाई करके चलाता है। उसने बताया कि वह चंडीगढ, दिल्ली तक लोगों के घरों से सांप पकड़ने के लिए जाता है। उसने बताया कि उसने अपने जीवन में किसी सांप को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। वह लोगों के घर व बागीचों आदि से सांप को पकड़कर दूरदराज के जंगल में छोड आता है। नहीं होता जहर का कोई असर

पवन ने बताया कि सांप कई तरह के होते है जो खतरनाक सांप होते हैं वह आसानी से काबू नहीं आते हैं। जब वह उन्हें पकड लेता है तो उसके शरीर पर वार करके काट लेते हैं, लेकिन उसे आज तक किसी सांप का जहर नहीं चढ़ा है। उसके शरीर पर सांप के काटे के कई निशान मौजूद हैं। वह सांप के काटने पर कोई दवा तक नहीं लेता है। उसने बताया कि यदि एक बार कोई सांप उसे दिख जाए तो उसे पकड़ लेता है। फिर उसे जंगल में छोड़ आता है।

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