गाड़ी से प्रतिदिन दिल्ली ले जा रहे आक्सीजन सिलेंडर

अपनों को सांस दिलाने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों किमी. की यात्रा की जा रही है। आक्सीजन सिलेंडर लेने के लिए सुबह नौ बजे लाइन में लगते हैं और रात को किसी समय दिल्ली पहुंचकर मरीज को आक्सीजन देते हैं। इनके अलावा आसपास के गांव तथा जिले से भी आक्सीजन सिलेंडर लेने लोग आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 10:26 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 10:26 PM (IST)
गाड़ी से प्रतिदिन दिल्ली ले जा रहे आक्सीजन सिलेंडर
गाड़ी से प्रतिदिन दिल्ली ले जा रहे आक्सीजन सिलेंडर

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। अपनों को सांस दिलाने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों किमी. की यात्रा की जा रही है। आक्सीजन सिलेंडर लेने के लिए सुबह नौ बजे लाइन में लगते हैं और रात को किसी समय दिल्ली पहुंचकर मरीज को आक्सीजन देते हैं। इनके अलावा आसपास के गांव तथा जिले से भी आक्सीजन सिलेंडर लेने लोग आ रहे हैं।

कोरोना महामारी ने लोगों की मुश्किलों में बढ़ोतरी कर दी है। पाजिटिव मरीजों के शरीर का आक्सीजन स्तर नीचे चला जाता है और मरीज के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे हालात में उसे सिलेंडर के माध्यम से कृत्रिम रूप से आक्सीजन देनी पड़ती है, लेकिन दिल्ली तथा आसपास के प्रदेशों में आक्सीजन की किल्लत ने कोविड-19 पाजिटिव मरीजों की जान के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। जिले में आक्सीजन सिलेंडर की मारामारी है ही, दिल्ली से भी लोग जिले की ओर दौड़ रहे हैं। दिल्ली के गोविदपुरी निवासी मिटू ने बताया कि वह उसके मालिक के लिए प्रतिदिन पांच बजे गाड़ी से चलकर दिल्ली से मुजफ्फरनगर पहुंचता है। करीब पूरा दिन लाइन में लगने के बाद उसे एक सिलेंडर आक्सीजन उपलब्ध होती है, जिसे लेकर वह तुरंत ही दिल्ली के लिए निकल पड़ता है। बताया कि पांच दिन से वह लगातार आ रहा है। प्रेमपुरी निवासी संतोष ने बताया कि काफी मशक्कत के बाद आक्सीजन मिल रही है। बताया कि उसके बड़े भाई पाजिटिव हैं, जिनका उपचार घर पर ही चल रहा है। बताया कि आक्सीजन के लिए उन्हें प्रतिदिन आइटीआइ गेट पर आकर लाइन में लगना पड़ता है।

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