कोरोना से एक की मौत, 469 नए संक्रमित मिले
कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को सामने आई कोरोना संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट में 469 नए मरीज मिलें हैं। वहीं मुझेड़ा निवासी 60 वर्षीय व्यक्ति की मौत होने से गांव में अफरातफरी मच गयी है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को सामने आई कोरोना संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट में 469 नए मरीज मिलें हैं। वहीं मुझेड़ा निवासी 60 वर्षीय व्यक्ति की मौत होने से गांव में अफरातफरी मच गयी है।
जिला अस्पताल और महावीर चौक के साथ कई स्थानों पर कोरोना की जांच की जा रही है। जिला अस्पताल में सुबह से शाम तक कोरोना की जांच के लिए पहुंच रहे मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है। अधिक भीड़ होने के कारण कुछ संदिग्ध मरीज भीड़ देखकर लौट रहे हैं। यही हाल महावीर चौक पर लगे कोरोना जांच केंद्र पर है। इसके बाद भी प्रतिदिन बड़ी संख्या में जांच कर सैंपल लैब को भेजे जा रहे हैं। लैब से आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने में पांच दिन से अधिक का समय लग रह है। इसी प्रक्रिया के तहत मंगलवार को जिले में आई कोरोना संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट में 469 नए कोरोना मरीज मिले, जबकि अस्पतालों में भर्ती चल रहे पाजिटिव मरीजों में केवल 155 ही डिस्चार्ज किए जा सके हैं। शहर की गांधी कालोनी में मंगलवार को भी 18 पाजिटिव और नई मंडी में 14 पाजिटिव मरीज मिले हैं। सीएमओ ने बताया कि पाजिटिव मरीजों से संपर्क कर उचित व्यवस्था की गई है।
मुझेडा में 60 वर्षीय व्यक्ति की मौत से दहशत
नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के मुझेड़ा गांव निवासी 60 वर्षीय व्यक्ति 10 दिन पहले कोरोना संक्रमित निकले थे। इसके बाद उन्हें सात दिन तक अस्पताल में भर्ती कराया गया। बुखार, खांसी सहित अन्य बीमारी का भी अस्पताल में उपचार किया गया, लेकिन उन्होंने उपचार के दौरान ही दम तोड़ दिया, जिस कारण गांव में अफरातफरी मची हुई है। जिला अस्पताल की लापरवाही से संक्रमण बढ़ने का खतरा
जिला अस्पताल में बड़ी संख्या में कोरोना संदिग्ध जांच के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन संदिग्धों के लिए बने जांच केंद्र पर पहुंचने के लिए मरीजों को मुख्य गेट से लंबा चक्कर काटना पड़ रहा है, जिसका असर अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ अन्य स्टाफ पर भी पड़ने के संकेत मिल रहे हैं, जबकि जांच केंद्र के पास ही अस्पताल का दूसरा गेट है, जिससे जिला अस्पताल में जांच कराने वाले मरीजों के लिए खोलकर उनके संक्रमण से स्टाफ और अन्य मरीजों को बचाया जा सकता है। इस व्यवस्था को लागू कराने के लिए स्टाफ सीएमएस से गुहार लगा चुका है, लेकिन वाहन पार्किग को लेकर व्यवस्था लागू करने में ढील दी गई है।