पराली जलाने व फैक्ट्रियों के धुएं पर नजर रखें अफसर

प्रदूषण की रोकथाम के लिए डीएम चंद्र भूषण सिंह ने कलक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाया जाए। साथ ही फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं पर नजर रखी जाए। संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 09:18 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 09:18 PM (IST)
पराली जलाने व फैक्ट्रियों के धुएं पर नजर रखें अफसर
पराली जलाने व फैक्ट्रियों के धुएं पर नजर रखें अफसर

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। प्रदूषण की रोकथाम के लिए डीएम चंद्र भूषण सिंह ने कलक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाया जाए। साथ ही फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं पर नजर रखी जाए। संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डीएम ने वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान के तहत अधिकारियों की बैठक ली। विभागीय अधिकारियों को वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित रखने के निर्देश दिए। मुख्य रूप से निर्माण गतिविधियों से जनित धूल उत्सर्जन, पराली के धुएं, वाहनों और उद्योगों से उत्सर्जित हो रहे धुएं आदि को नियंत्रित करने को कहा। कहा कि इनमें से कोई भी गतिविधि मिलती है तो संबंधित पर जुर्माना लगाया जाए। स्थानीय निकायों व फायर विभाग की ओर से इस बारे में ठोस कदम उठाए जाएं। जिले में प्रदूषण को बढ़ने से रोकने लिए हर संभव प्रयास किए जाए। निगरानी के लिए उन्होंने नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए। प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आए दिन जिले में विभिन्न स्थलों का निरीक्षण किया जाए। औद्योगिक इकाइयों पर नजर रखी जाए।

खेत में जला रहे पराली, उड़ाई जा रही नियमों की धज्जियां

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। हार्वेस्टर से धान कटाई के उपरांत धान की डंठल (पराली) को किसान खेतों में जला रहे हैं, जबकि इस पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगाया है। खादर क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारी गांवों का दौरा कर रहे हैं, लेकिन किसी की नजर खेतों की ओर नहीं पड़ रही है।

मीरापुर के रामराज खादर क्षेत्र में धान की फसल की कटाई का कार्य जोरों से चल रहा है। किसान हार्वेस्टर से धान कटाई करा रहे हैं। इसके बाद कुछ किसानों ने अपने खेतों में अवशेष जला दिए हैं, जिससे खेतों में निशान बन गए हैं। कुछ किसानों ने अपने खेतों की जुताई कर दी है। बता दें कि खेतों में पराली जलाने को लेकर प्रतिबंध जारी है। इसके बाद भी किसान इस कानून का पालन करने को लेकर काफी लापरवाही बरत रहे हैं तथा फसल काटने के तत्काल बाद खेतों में डंठल जला रहे हैं, जिससे पर्यावरण और खेतों को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ चारे के लिए संकट पैदा हो रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों ने बंद कीं आखें

रामराज खादर क्षेत्र में आए दिन प्रशासनिक अधिकारी गांवों का दौरा कर रहे हैं, लेकिन किसी भी अधिकारी का ध्यान इन खेतों की ओर नही जा रहा है। बता दें कि किसान जब रोटावेटर से खेतों की जुताई करते हैं तो हार्वेस्टर से कटाई करने के कारण फसल अवशेष जुताई करने में बाधक बन जाते हैं। इसके उचित निपटान के अभाव में किसान उसे जला देते हैं, जिससे मित्र कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। धुएं के कारण पर्यावरण भी दूषित होता है। इनका कहना है..

खेतों में अवशेष जलाए जाने का मामला संज्ञान में नही हैं। मामले की जांच कराकर ऐसे किसानों को चिह्नित किया जाएगा।

- जयेंद्र कुमार, उपजिलाधिकारी जानसठ।

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