नारायण ने दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर जीती थी कोरोना से जंग

बीएसए कार्यालय के वरिष्ठ सहायक नारायण रावत ने दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर कोरोना वायरस संक्रमण को हरा दिया था। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने के बाद उन्हें बुखार ने घेर लिया था। कोरोना वायरस संक्रमण के साथ उन्हें टायफायड भी हुआ और फेफड़ो में गंभीर इंफेक्शन के चलते उन्हें होम आइसोलेट होकर उपचार कराना पड़ा। इस दौरान डर तो लगा लेकिन उस पर काबू पाते हुए दृढ़ इच्छाशक्ति से उसे हरा दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 11:44 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 11:44 PM (IST)
नारायण ने दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर जीती थी कोरोना से जंग
नारायण ने दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर जीती थी कोरोना से जंग

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। बीएसए कार्यालय के वरिष्ठ सहायक नारायण रावत ने दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर कोरोना वायरस संक्रमण को हरा दिया था। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने के बाद उन्हें बुखार ने घेर लिया था। कोरोना वायरस संक्रमण के साथ उन्हें टायफायड भी हुआ और फेफड़ो में गंभीर इंफेक्शन के चलते उन्हें होम आइसोलेट होकर उपचार कराना पड़ा। इस दौरान डर तो लगा, लेकिन उस पर काबू पाते हुए दृढ़ इच्छाशक्ति से उसे हरा दिया।

कोरोना के चलते गंभीर संकट में पहुंचे बीएसए कार्यालय के वरिष्ठ सहायक नारायण रावत ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने प्रबल इच्छाशक्ति के बल पर कोरोना का सामना किया और उपचार के बाद वह पूर्ण स्वस्थ हो गए। नारायाण बताते हैं कि 19 अप्रैल की चुनाव ड्यूटी करने के दो दिन बाद उन्हें बुखार ने घेर लिया था। दो-तीन दिन बाद बुखार 105 पर पहुंच गया। वह समझ गए थे कि मामला कोरोना से जुड़ा है। इसलिए टेस्ट कराने से पहले ही उन्होंने चिकित्सक की सलाह पर उपचार लेना शुरू कर दिया था। बताया कि पाजिटिव आने से पहले ही वह होम आइसोलेट हो गए थे। नियमित दवा ले रहे थे और काढ़ा का भी नियमित सेवन कर रहे थे, लेकिन फिर भी लंग्स में इंफेक्शन बढ़ता गया। काफी चिता हुई है, लेकिन हिम्मत नहीं हारी और आराम किया। इस दौरान उन्हें टायफाइड भी हो गया था। चिकित्सक ने उन्हें सभी बीमारियों से लड़ने की दवा दी थी। बताते हैं कि चिकित्सक की सलाह पर अमल कर तथा सभी की दुआओं के सहारे वह 15 दिन में स्वस्थ हो गए थे।

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