समाज के दबाव में नौशाद बैकफुट पर
उन्होंने प्रेसनोट जारी कर कहा कि 10 अक्टूबर को वह महिलाओं के साथ कलक्ट्रेट डा. समर गजनी के कहने पर गए थे। डीएम को ज्ञापन भी दिया गया लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम था कि इसमें नरेंद्र मोदी के नाम से मंदिर बनवाने की बात लिखी है। उन्हें धोखे में रखा गया। इस घटना की वजह से समाज के लोगों की तरह-तरह की बातें भी सुननी पड़ी। समाज के लोगों को बहुत बुरा लगा जिससे वह शर्मिंदा है। कहा कि भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। एक सप्ताह पूर्व मुस्लिम महिलाओं ने डीएम कार्यालय पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से मंदिर बनवाने की बात कही थी। महिलाओं के साथ मुस्लिम समाज के मौअजिज लद्वावाला निवासी डा. नौशाद भी शामिल थे। इस घटना के बाद से मुस्लिम समाज के बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें नसीहत देते हुए नाराजगी जताई है। इस पर डा. नौशाद ने समाज के लोगों से माफी मांगी है। उन्होंने प्रेस नोट जारी कर कहा कि 10 अक्टूबर को वह महिलाओं के साथ कलक्ट्रेट में डा. समर गजनी के कहने पर गए थे। डीएम को ज्ञापन भी दिया गया, लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम था कि इसमें नरेंद्र मोदी के नाम से मंदिर बनवाने की बात लिखी है। उन्हें धोखे में रखा गया। इस घटना की वजह से समाज के लोगों की तरह-तरह की बातें भी सुननी पड़ी। समाज के लोगों को बहुत बुरा लगा, जिससे वह शर्मिंदा है। - संजीव तोमर