मतांतरण का कंट्रोल रूम था मौलाना का मदरसा
फुलत गांव स्थित मौलाना कलीम का मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह अल-इस्लामिया अवैध मतांतरण का कंट्रोल रूम था। यहां से मतांतरण सिंडिकेट की गहरी जड़ें निकल रही हैं। रविवार को एटीएस ने मौलाना के ड्राइवर सलीम को भी गिरफ्तार दिखाया है।
जेएनएन। मुजफ्फरनगर: फुलत गांव स्थित मौलाना कलीम का मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह अल-इस्लामिया अवैध मतांतरण का कंट्रोल रूम था। यहां से मतांतरण सिंडिकेट की गहरी जड़ें निकल रही हैं। रविवार को एटीएस ने मौलाना के ड्राइवर सलीम को भी गिरफ्तार दिखाया है। उसकी गैरकानूनी कार्य में भूमिका मिली है। मतांतरण के लिए मौलाना समेत उसके सहयोगियों को वह लाने ले जाने का काम करता था।
एटीएस मौलाना कलीम सिद्दीकी को कस्टडी रिमांड पर लेकर लगातार उसकी करतूतों का राजफाश कर रही है। मौलाना कलीम ने ट्रस्ट के माध्यम से मदरसा संचालित कर रखा था। उसके बैंक खातों में 20 करोड़ रुपये की रकम का आना-जाना मिला है। मौलाना का एक सूत्रीय अभियान मतांतरण था, इसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार रहता था। हवाला के माध्यम से बहरीन, कुवैत आदि मुस्लिम देशों से मतांतरण के लिए पैसा मंगवाया गया है। मौलाना कलमा पढ़ाने के बाद मदरसे को मतांतरण के मुख्य केंद्र की तरह इस्तेमाल करता था। इसका एटीएस ने अपनी कार्रवाई में उल्लेख किया है। उसका ड्राइवर सलीम डेढ़ दशक से इस खेल में मौलाना का साथ दे रहा था। सलीम मतांतरण होने वाले व्यक्ति को मौलाना के बताए ठिकानों पर छोड़ने, लाने की जिम्मेदारी निभाता था। मदरसे का मुख्य भवन तो साधारण बना है, लेकिन छात्रावास और मेहमान खाना (गेस्ट हाउस) आलीशान है। जिन पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं।
तरबियत था महत्वपूर्ण चरण
मतांतरण के बाद व्यक्ति की देखरेख उसका पालन-पोषण (तरबियत) को महत्वपूर्ण चरण रखा गया था। मतांतरण के बाद वह फिर से बहक ना जाए। इसके लिए मदरसे में रखकर मौलाना के साथी उसकी देखभाल करते थे। पूर्ण रूप से भरोसा होने के बाद मतांतरण व्यक्ति को समाज के बीच में छोड़ देते थे, जहां वह संप्रदाय विशेष वर्ग का बनकर जीवन व्यतीत करता था, लेकिन मौलाना का गिरोह उस पर नजर रखता था।