मौलाना ने 30 साल पहले रखी थी मदरसे की नींव

मौलाना कलीम सिद्दीकी ने बड़े किसान परिवार से ताल्लुक होने के कारण दीन की राह पर चलना पसंद किया। गांव की स्थानीय कमेटी ने उन्हें 1987 में मदरसा फैजुल इस्लाम का प्रबंधक एवं संचालक नियुक्त कर दिया। यहीं से मौलाना की किस्मत के सितारे भी बुलंदियों में पहुंच गए। इसके बाद मौलाना ने स्वयं मदरसे की नींव रखवाई और भवन तैयार कराए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 11:58 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:58 PM (IST)
मौलाना ने 30 साल पहले रखी थी मदरसे की नींव
मौलाना ने 30 साल पहले रखी थी मदरसे की नींव

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। मौलाना कलीम सिद्दीकी ने बड़े किसान परिवार से ताल्लुक होने के कारण दीन की राह पर चलना पसंद किया। गांव की स्थानीय कमेटी ने उन्हें 1987 में मदरसा फैजुल इस्लाम का प्रबंधक एवं संचालक नियुक्त कर दिया। यहीं से मौलाना की किस्मत के सितारे भी बुलंदियों में पहुंच गए। इसके बाद मौलाना ने स्वयं मदरसे की नींव रखवाई और भवन तैयार कराए।

गांव के बाहरी छोर पर मौलाना के स्वजन की कुछ भूमि पड़ी थी। इसके आसपास खेत-खलियान की भूमि खरीदकर मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया की नींव डाली गई। वर्ष 1990 से मदरसे का निर्माण आरंभ किया गया। मदरसे के साथ छात्रावास, मेहमानखाना तैयार किया गया है। खास यह है कि सभी भवनों को आधुनिक डिजाइन और मोटी रकम खर्च कर बनाया गया है, जो करीब पांच से छह बीघा भूमि में निर्मित हैं। मदरसे के साथ आलीशान भवन बना है, जो खास मेहमानों के आने पर खुलता है। इससे पहले मौलाना कलीम ने गांव के फैजुल इस्लाम मदरसे को 1987 में अपनी निगरानी में कर लिया। पुराने मदरसे के बच्चों को भी नए भवन में शिफ्ट कर लिया गया। वर्तमान में लगभग 300 से अधिक बच्चे यहां अध्ययनरत है। जिनकी पढ़ाई कोरोना काल में आनलाइन कराई जा रही है।

गैरजनपद के साथ राज्यों के छात्र अध्ययनरत

मदरसे में मुजफ्फरनगर के साथ आसपास के जनपदों के छात्र भी पढ़ते हैं। वहीं दिल्ली, बिहार, राजस्थान हरियाणा, पंजाब, गुजरात के भी बच्चे पढ़ाई करते हैं। मौलाना कलीम ने खतौली कस्बे के साथ देश के कई राज्यों में भी मदरसों की शाखाएं चला रखी हैं। फुलत मदरसे में शिक्षकों के साथ 56 लोगों का स्टाफ तैनात है। मौलाना ताहिर प्रधानाचार्य हैं, जबकि शिक्षा विभाग की देखरेख मौलाना वसीह, छात्रावास व मेस की जिम्मेदारी मौलवी सलमान निभाते हैं।

देशभर में मदरसों के सरंक्षक हैं मौलाना

मौलाना कलीम फुलत ही नहीं, देशभर में दर्जनभर मदरसों के सरंक्षक हैं। इनमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली आदि राज्यों में मदरसों को चंदे के बल पर संचालित किया जाता है। इन मदरसों के सरपरस्त मौलाना हैं, लेकिन काम की देखरेख अन्य लोग करते हैं। खतौली कस्बे में भी एक मदरसा संचालित करना बताया गया है।

मौलाना का करीबी हाफिज भी लापता

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। मौलाना कलीम सिद्दीकी का करीबी हाफिज इदरीश भी बुधवार शाम को अचानक लापता हो गया। स्वजन तलाश में लग गए। बताया जाता है कि इदरीश को भी एटीएस की कार्रवाई के चलते हिरासत में लिया गया है। मोबाइल भी बंद हो गया है। फिलहाल पुलिस कप्तान ने गिरफ्तारी से इन्कार किया है।

मूलरूप से फुलत गांव के रहने वाले हाफिज इदरीश नदवी को मौलाना कलीम का करीबी माना जाता है। मौलाना की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय स्तर पर छानबीन हो रही है। हाफिज इदरीश वर्तमान में कस्बा क्षेत्र में रहता है। इसको लेकर स्वजन ने पुलिस-प्रशासन को सूचित किया है। हाफिज इदरीश बड़ा बाजार में कपड़े की दुकान चलाता है। यह मौलाना कलीम वाले मदरसे का पूर्व उप प्रबंधक रहा है। हाल ही में वह मौलाना के साथ मुंबई भी गया था।

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