पहचान आलिम..सिखाता मतांतरण का इल्म
मुजफ्फरनगर जेएनएन। आलिम अर्थात विद्वान लेकिन मौलाना कलीम ने इस शब्द की परिभाषा ही बदल कर रख
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। आलिम अर्थात विद्वान, लेकिन मौलाना कलीम ने इस शब्द की परिभाषा ही बदल कर रख दी। आलिम की पहचान थी, लेकिन वह लोगों को मतांतरण का इल्म सिखाता रहा। अब इसे कानूनी, सामाजिक के साथ मजहबी एतबार से भी सही नहीं ठहराया जा सकता है। एटीएस मौलाना के दिल्ली, फुलत के साथ लखनऊ स्थित ग्लोबल पीस सेंटर का भी रिकार्ड खंगालने में लगी है। वहीं, पुलिस कस्टडी रिमांड में मौलाना का कबूलनामा केस में अहम कड़ी साबित होगा। एटीएस, खुफिया तंत्र उसी के अनुरूप आगे की कार्रवाई को अंजाम देगा।
विदेशी खैरात से अकूत संपत्ति जुटाकर मौलाना कलीम शाही जिदगी गुजर-बसर कर रहा था। नोएडा के उमर गौतम केस के बाद एटीएस, एलआइयू समेत राष्ट्रीय जांच एजेसियां मौलाना कलीम की छानबीन कर रही थी। पर्याप्त सबूत हाथ लगने के बाद एटीएस ने मौलाना को उठाकर कोर्ट में पेश किया था। साइकिल से चलने वाला कलीम मौलाना बनकर रसूखदार हो गया, जो बड़ी-बड़ी लग्जरी गाड़ियों में बैठकर देशभर में सफर करता था। उसके कार्यक्रमों को शाही रूप से मजबूत बनाया जाता था। समाचार चैनलों पर घूम रही उसकी आडियो मौलाना की मानसिकता के साथ विकृत विचारों का भी राजफाश कर रही है। वह जनसंख्या का अनुपात सामान्य रखने के लिए मतांतरण का सिडिकेट चला रहा था। जिसे पुरुष से अधिक महिला वर्ग का मतांतरण कराना पसंद था, ताकि मतांतरण के बाद उक्त महिला, युवती का अपने समाज के साथ रिश्ता कायम करवा सके। शुक्रवार को मौलाना कलीम की रिमांड का पहला दिन रहा है। सूत्रों के अनुसार मौलाना से पूछताछ के दौरान उसका एक वकील साथ रहेगा। एटीएस, एनआइए के टीम उसकी मौजूदगी में सवाल-जवाब करेगी। यहां मौलाना का गुनाहों पर कबूलनामा केस में अहम होगा। उसके बाद एटीएस अगला कदम उठाएगी। कई सामाजिक संस्था, मौलाना का ट्रस्ट, नेटवर्क कहां-कहां तक फैला है। इसका राजफाश होने के बाद ताबड़तोड़ कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। उसके लखनऊ स्थित ग्लोबल पीस सेंटर, दिल्ली व फुलत के आवास, मदरसों की छानबीन आरंभ हो गई है। आलिम दिखने के लिए मौलाना से सबसे अधिक पैसा मदरसों पर लगाया है, ताकि यहां से व्यवस्थाओं को कंट्रोल किया जा सके।