नागा आश्रम के महंत आनंद गिरी महाराज का कैंसर से निधन

तीर्थनगरी शुकतीर्थ स्थित नागा बाबा टीला आश्रम के 40 वर्षीय महंत आनंद गिरी महाराज का कैंसर के चलते मेरठ के निजी अस्पताल में निधन हो गया। नगरी के साधु-संतों ने आश्रम में ही उनके पार्थिव शरीर को भू-समाधि दी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 12:00 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 12:00 AM (IST)
नागा आश्रम के महंत आनंद गिरी महाराज का कैंसर से निधन
नागा आश्रम के महंत आनंद गिरी महाराज का कैंसर से निधन

मुजफ्फरनगर, टीम जागरण। तीर्थनगरी शुकतीर्थ स्थित नागा बाबा टीला आश्रम के 40 वर्षीय महंत आनंद गिरी महाराज का कैंसर के चलते मेरठ के निजी अस्पताल में निधन हो गया। नगरी के साधु-संतों ने आश्रम में ही उनके पार्थिव शरीर को भू-समाधि दी।

शुकतीर्थ दशनाम संन्यास आश्रम नागा बाबा का टीला के महंत आनंद गिरी महाराज कई महीने से कैंसर से ग्रस्त थे। इन दिनों उनका मेरठ के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। बीते रविवार को उनका निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर को शुकतीर्थ आश्रम लाकर नगरी के साधु-संतों ने भू-समाधि दी। इस दौरान मदन गिरी, भरतदेव महाराज, ज्ञान गिरी, हरनंद गिरी, भोला गिरी व पदम गिरी आदि मौजूद रहे। बिहार के रहने वाले थे आंनद गिरी

नागा आश्रम के मुख्य महंत ब्रह्मलीन बाबा गड़बड़ गिरी महाराज को हरिद्वार में बिहार निवासी एक दस वर्षीय बालक मिला था, जिसे वह शुकतीर्थ आश्रम में ले गए और शिष्य बनाकर उनका नाम आनंद गिरी रख दिया। बाबा के ब्रह्मलीन होने के बाद इन्हें शुकतीर्थ आश्रम की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

गायत्री के तपोनिष्ठ संत थे गुरुदेवेश्वराश्रम महाराज : राज राजेश्वराश्रम

मुजफ्फरनगर, टीम जागरण। तीर्थनगरी शुकतीर्थ स्थित दंडी आश्रम में सोमवार को दूरदराज से पहुंचे संतों व अनुयायियों ने ब्रह्मलीन महंत स्वामी गुरुदेवेश्वराश्रम महाराज के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। आदि शारदा पीठाधीश्वर राज राजेश्वराश्रम महाराज ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि दंडी स्वामी गुरुदेवेश्वराश्रम महाराज गायत्री के तपोनिष्ठ संत थे, जिन्होंने जीवनभर गायत्री की उपासना की। संतों से उन्हें बहुत प्रेम था, जिसके चलते उनके पास संतों का आना-जाना लगा रहता था। गो-सेवा के लिए आश्रम में गऊशाला का निर्माण कराया। बुलंदशहर के स्वामी प्रबोधाश्रम महाराज ने कहा कि दंडी स्वामी गुरुदेवेश्वराश्रम महाराज उच्च कोटि के संत थे, जिन्होंने अपना जीवन धर्म-अध्यात्म में लगा दिया। महाशक्ति सिद्धपीठ की संस्थापिका योगिनी मां राजनंदेश्वरी, भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के संयोजक रामकुमार शर्मा, किसान मोर्चा के मंडल अध्यक्ष ब्रजवीर सिंह, अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण के आचार्य अजय कृष्ण महाराज, प्रबंधक मनोहर लाल, विनोद शर्मा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र त्यागी आदि ने भी स्वामीजी के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

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