भागवत कथा से दूर होता है मृत्यु का भय : जगन्नाथ
तीर्थ नगरी शुकतीर्थ के शुकदेव आश्रम स्थित डोगरे भागवत भवन में पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज के सानिध्य में चल रही श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह महोत्सव के समापन पर महाराष्ट्र के कथा व्यास पंडित जगन्नाथ महाराज पाटील ने कहा कि भागवत कथा से मृत्यु का भय दूर होता है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। तीर्थनगरी शुकतीर्थ के शुकदेव आश्रम स्थित डोगरे भागवत भवन में पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज के सानिध्य में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह महोत्सव के समापन पर महाराष्ट्र के कथा व्यास पंडित जगन्नाथ महाराज पाटील ने कहा कि भागवत कथा से मृत्यु का भय दूर होता है। भागवत हमारे जीवन आने वाले दिनों को मंगलमय बनाती है। भागवत कथा परोपकार का यज्ञ है, इससे जन जन के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। जीवन कैसे जीया जाए ,यह हमें रामायण बताती है और मृत्यु को कैसे सुधारा जाए यह भागवत बताती है। भगवान कृष्ण जी ने भागवत महापुराण तथा भगवद गीता आदि के माध्यम से जो कहा है मनुष्य को उसका अनुकरण करना चाहिए तथा भगवान राम ने अवतार लेकर जो किया है मनुष्य को वह करना चाहिए। कथा सत्संग संस्कारों की जननी है। कथा से संस्कार मिलते है और संस्कारों से सेवा भाव तथा सेवा भाव से ही प्राणी का कल्याण संभव है। जैसे दीमक वृक्ष को धीरे धीरे नष्ट कर देती है वैसे ही कुसंगत मनुष्य को नुकसान पहुंचाती है। कथा के आयोजन में केशव, विजय कुलकर्णी, माधव वांडिबे, अशोक, विनया, सरयू आदि ने मुख्य भूमिका निभाई। इस अवसर पर भंडारे का भी आयोजन हुआ, जिसमें साधु-संतों व ब्राह्माणों को भोजन कराकर दान दक्षिणा दी गई।