कलमा पढ़ाता था कलीम.. शार्गिद करते थे रखवाली
मौलाना कलीम सिद्दीकी मतांतरण की प्रक्रिया पूर्ण कराने के लिए पहली रस्म कलमा रखता था जिसे स्वयं पढ़ाता था। उसके बाद की जिम्मेदारी शार्गिदों पर छोड़ी जाती थी। शार्गिद मतांतरण वाले व्यक्ति को इस्लाम की बारीकियों विशेषताओं और लालच की बुनियाद को मजबूती देते थे। मौलाना पर कार्रवाई के बाद शार्गिदों के साथ परिचित भूमिगत हो गए हैं।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। मौलाना कलीम सिद्दीकी मतांतरण की प्रक्रिया पूर्ण कराने के लिए पहली रस्म कलमा रखता था, जिसे स्वयं पढ़ाता था। उसके बाद की जिम्मेदारी शार्गिदों पर छोड़ी जाती थी। शार्गिद मतांतरण वाले व्यक्ति को इस्लाम की बारीकियों, विशेषताओं और लालच की बुनियाद को मजबूती देते थे। मौलाना पर कार्रवाई के बाद शार्गिदों के साथ परिचित भूमिगत हो गए हैं।
मौलाना कलीम द्वारा मतातरण का खेल अरसे से खेला जा रहा था। वर्ष 2014 में उसका नाम उछला था, लेकिन मजबूत पैरवी और कार्रवाई नहीं होने के चलते मामला दब गया। इसके बाद हरियाणा के एक युवक का मतांतरण कराया गया था। उसके स्वजन ने गांव पहुंचकर हंगामा किया था। दिल्ली पुलिस तक इसकी शिकायत दी गई थी तब मौलाना के दिल्ली निवास के अलावा पुलिस ने गांव पहुंचकर भी जांच-पड़ताल की थी। रतनपुरी पुलिस ने छानबीन की थी, लेकिन उस वक्त मौलाना का नाम तक शामिल नहीं किया गया। एटीएस की कार्रवाई के बाद स्थानीय स्तर पर मौलाना पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है।
एलआइयू-पुलिस ने डाला डेरा, गांव के माहौल पर निगाह
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। एलआइयू और रतनपुरी पुलिस ने गुरुवार को फुलत पहुंचकर माहौल परखा और ग्रामीणों से जानकारी जुटाई है। गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है। एलआइयू ने खतौली समेत फुलत में डेरा डाल किया है। गुरुवार को रतनपुरी इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार के साथ एलआइयू ने गांव में ग्रामीणों से मौलाना कलीम समेत उसके मदरसों, कार्य प्रणाली और व्यवहार की जानकारी जुटाई। मौलाना का सबसे करीबी हाफिज इदरीश भी लापता है। एलआइयू और पुलिस हाफिज इदरीश से जुड़े लोगों की भी तलाश में लगी है।