मामा के लिए आक्सीजन मैन बन गए थे आकिब

कोरोना वायरस संक्रमण के इस दौर में मानवीयता की अलग ही इबारत लिखी जा रही है। खतौली के आकिब ने संक्रमण से लड़ते अपने मामा लियाकत को एक सप्ताह तक प्रतिदिन आठ से 10 घंटे लाइन में लगकर आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 11:37 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 11:37 PM (IST)
मामा के लिए आक्सीजन मैन बन गए थे आकिब
मामा के लिए आक्सीजन मैन बन गए थे आकिब

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण के इस दौर में मानवीयता की अलग ही इबारत लिखी जा रही है। खतौली के आकिब ने संक्रमण से लड़ते अपने मामा लियाकत को एक सप्ताह तक प्रतिदिन आठ से 10 घंटे लाइन में लगकर आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया। मामा लियाकत के शरीर में जाने वाली एक-एक सांस के साथ ही उनके मुंह से आकिब के लिए दुआ निकल रही थी। लोगों ने ऐसे व्यवहार की सराहना की है।

खतौली के मोहल्ला नई आबादी में रहने वाले आकिब किसी को भी मुश्किल में देखकर मदद के लिए दौड़ पड़ते हैं। 10 दिन पूर्व उनके मामा लियाकत की तबीयत खराब हुई तो उन्हें इसकी जानकारी मिली। दो दिन उपचार के बाद अचानक ही उनके शरीर का आक्सीजन स्तर नीचे चला गया। चिकित्सक ने उन्हें आक्सीजन पर रखने की सलाह दी। मामा लियाकत का घर पर ही उपचार शुरू हुआ तो आक्सीजन की समस्या खड़ी हो गई। आकिब ने मोहल्ले के एक अन्य मरीज के साथ मामा को भी आक्सीजन उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया। आकिब ने दो खाली सिलेंडर का इंतजाम किया और आक्सीजन की जानकारी की। जानकारी में आया कि नगर के आइटीआइ से खाली सिलेंडर में आक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है। आकिब ने बताया कि वह प्रतिदिन सुबह सात बजे खतौली से आइटीआइ पहुंचकर गेट पर लाइन में लग जाता था और शाम को आक्सीजन रीफिलिग कराकर घर पहुंचता था। आकिब ने बताया कि यह क्रम एक सप्ताह तक चला लेकिन दो दिन पूर्व मामा की इंतकाल हो गया, जिसका उन्हें हमेशा मलाल रहेगा।

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