अंतरराष्ट्रीय पहलवान दिव्या काकरान को विश्व में दूसरा स्थान
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने महिला एवं पुरुष वर्ग के पहलवानों की विश्व रैंकिग जारी की है। महिला वर्ग के 72 किलो भारवर्ग में दिव्या काकरान को विश्व में दूसरा स्थान मिला है। पहले भी उनके खाते में कई बड़ी उपलब्धियां हैं। दिव्या की सफलता पर स्वजन और उनके प्रशंसकों ने हर्ष व्यक्त किया है। फिलहाल वह हिमाचल प्रदेश में अपने खेल को निखारने में जुटी हैं।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने महिला एवं पुरुष वर्ग के पहलवानों की विश्व रैंकिग जारी की है। महिला वर्ग के 72 किलो भारवर्ग में दिव्या काकरान को विश्व में दूसरा स्थान मिला है। पहले भी उनके खाते में कई बड़ी उपलब्धियां हैं। दिव्या की सफलता पर स्वजन और उनके प्रशंसकों ने हर्ष व्यक्त किया है। फिलहाल वह हिमाचल प्रदेश में अपने खेल को निखारने में जुटी हैं।
जनपद मुजफ्फरनगर के गांव पुरबालियान निवासी पहलवान दिव्या काकरान भारत के लिए एशियन और कामनवेल्थ खेलों में कांस्य पदक जीत चुकी हैं। इसी वर्ष कजाकिस्तान में हुई सीनियर वर्ग की एशिया कुश्ती प्रतियोगिता में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था।
पिता सूरजवीर बताते हैं कि 13 वर्ष की उम्र में दिव्या ने कुश्ती लड़ना शुरू किया। बिजनौर क्षेत्र में पहली बार अखाड़े में पुरुष पहलवान को हराया।
दिव्या दिल्ली के शाहदरा रेलवे स्टेशन पर बतौर सीनियर टिकट कलेक्टर तैनात हैं। उन्हें देश के लिए कांस्य पदक और विश्व पटल पर कुश्ती में नाम रोशन करने पर यह नौकरी मिली। उत्तर प्रदेश सरकार से वह एक योजना में पेंशन ले रही हैं। लोक निर्माण विभाग ने उनके नाम से पुरबालियान गांव में सड़क बनाने का प्रस्ताव शासन को भेज रखा है।
खाते में 74 मेडल
दिव्या काकरान के खाते में कुल 74 मेडल हैं। इनमें सबसे अधिक 55 स्वर्ण पदक, सात सिल्वर और 12 कांस्य पदक हैं।
वर्ष 2018 से सीनियर वर्ग में हैं दिव्या
दिव्या काकरान वर्ष 2018 से सीनियर वर्ग में कुश्ती खेल रही हैं। वर्ष 2019 में विश्व स्तर पर पहलवानों की सूची में नौवें स्थान पर थीं, जबकि वर्ष 2020 में वह सातवें स्थान पर थीं। इस वर्ष उन्होंने ऊंची छलांग लगाई है, जिसके चलते 72 किलोभार वर्ग में विश्व में दूसरे स्थान पर पहुंची हं। वह इसका श्रेय अपने गुरुजनों के साथ माता-पिता को देती हैं।